डेस्क। तुर्की और सीरिया में करीब एक हफ्ते पहले सब कुछ पल भर में तबाह हो गया और देश की हजारों आबादी रातों-रात मौत को नसीब हो गई। वहीं इस आपदा के बाद शोक भी उन्हीं शब्दों में व्यक्त किया गया कि ऐसा करुणामय अंत किसी और का न हो।
वहीं जहां यह भूकंप तुर्की में आया, वहीं यह देखा गया कि भारत की ओर से भी चिंताजनक आवाजे उठने लगी थी। साथ ही केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश की 59 प्रतिशत भूमि भूकंप के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील भी है।
साथ ही बता दें आठ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सिक्किम जोन 5 में आते हैं। और जहां सबसे ज्यादा तीव्रता के भूकंप भी आ सकते हैं। और देश की राजधानी दिल्ली भी जोन 4 में आ रही है वहीं ये खतरे की बात है और इसलिए, यह जानकारी वर्तमान में चिंता भी पैदा कर रही है।
लोकसभा में भी चर्चा
पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कुछ साल पहले लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था। वहीं उन्होंने कहा कि देश में भूकंपों के इतिहास को देखें तो भारत की लगभग 59 प्रतिशत भूमि विभिन्न तीव्रता के भूकंपों के प्रति संवेदनशील भी है।
साथ ही वर्तमान में ये आंकड़े यह बताते हैं कि जोन 5 में आने वाला इलाका खतरे में भी है। और विद्वानों और विशेषज्ञों के अनुसार यहां रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता का भूकंप भी आ सकता है।
जानिए जोन 5 क्षेत्र में देश के कौन से हिस्से हैं शामिल?
गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, असम, बिहार, जम्मू कश्मीर, अंडमान निकोबार जोन 5 के अंतर्गत आने वाले राज्य हैं। इसलिए, इन इलाकों पर राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा कड़ी निगरानी भी रखी जा रही है।