डेस्क। ओम और अल्लाह को एक बताने पर छिड़े विवाद के बाद भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना अरशद मदनी अपनी बात पर कायम ही दिखाई दे रहे हैं। साथ ही उनका कहना है कि मेरी बात पर जैन मुनि को मंच नहीं छोड़ना चाहिए था।
आपको बता दें अरशद मदनी ने रविवार को जमीयत के अधिवेशन में यह कहा था कि जिसे हिंदू ओम कहते हैं, वही अल्लाह है। उन्होंने आगे कहा था कि दुनिया में हर कोई आदम की संतान है, जिसे हिंदू मनु भी कहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आदम से आदमी शब्द बना और मनु से पैदा होने के नाम पर हिंदुओं ने मनुष्य शब्द का ईजाद किया है। अब एक बार फिर से अरशद मदनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं अपनी बात पर कायम ही हूं, लेकिन मेरे कहे का गलत अर्थ निकाला गया था।
अरशद मदनी ने आगे कहा, ‘हम ईश्वर को उसी तरह मानते हैं, जैसे मनु मानते थे और वह मानते थे कि ईश्वर की कोई सूरत नहीं होती है। उसका कोई नाम भी नहीं है। मनु मानते थे कि ईश्वर हमेशा से था और हमेशा ही रहेगा। इसी तरह हम अल्लाह को भी मानते हैं।’
इसके बाद अरशद मदनी ने कहा कि मेरे बयान पर जैन मुनि को मंच नहीं छोड़ना चाहिए था और उन्होंने कहा कि ओम को कौन नहीं मानता है। ओम और अल्लाह एक ही तो हैं।