डेस्क। Kisan Protest Again: मीडिया रिर्पोट की शंभू बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ से आंसू गैस के गोलों की बरसात के बीच किसानों के हौसले काफी बुलंद है। बॉर्डर पर बुधवार को नौजवानों की ओर से एक तरफ पतंगों के जरिये पुलिस के ड्रोन गिराने की कोशिश करी गई तो वहीं गोलों के धुएं से किसानों को बचाने के लिए मोहाली समेत पंजाब के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे नौजवानों की तरफ से चश्मे, मास्क, ग्लव्स आदि भी बांटे जा रहे हैं।
इस पूरे आन्दोलन की बात करें तो 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहले भी बसंत पंचमी के मौके पर नौजवानों ने पतंग उड़ाकर त्योहार मनाया था। किसानों ने गोलों के धुएं से बचने के लिए बॉर्डर के नजदीक बड़ी गिनती में गीली बोरियां का प्रबंध भी कर रखा था।
भारत सरकार के इस आदेश से क्यों खफा है एक्स
साथ ही मिट्टी की बोरियों से भरी प्लास्टिक की थैलियों की भरी ट्रालियां भी खड़ी करी थीं, ताकि जरूरत पड़ने पर नदी के रास्ते आगे की ओर बढ़ा जा सके। किसानों ने हरियाणा पुलिस की तरफ से एक्सपायरी आंसू गैस के गोले उन पर दागने के आरोप भी लगाए हैं।
UP Political News: सपा के बाद भाजपा पहुंची राजा भैया के आवास
उन्होंने ये भी कहा कि एक्सपायरी गोले ज्यादा खतरनाक होते हैं, जिनसे आंखों में तेज जलन के साथ-साथ चपेट में आने वालों को सांस लेने में भी काफी तकलीफ हो सकती है। किसानों ने कहा कि लेकिन फिर भी वह शांतिमय ढंग से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे और किसान नेताओं के कहने पर ही आगे बढ़ा जाएगा।
शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन फिलहाल काफी नाजुक दौर से गुजर रहा है। इसके मद्देनजर किसान नेताओं ने करीब 25 नौजवानों की विशेष टीम भी बनाई है, जो हर गतिविधि पर नजर रखेगी, कि कहीं कोई गलत तत्व आंदोलन में घुस न जाएं। किसान नेता इसे लेकर पहले भी कई आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने कुछ गलत लोगों को पकड़ा है।
किसान नेताओं का ऐसा मानना है कि इससे आंदोलन को नुकसान हो सकता है। वह शांतिमय ढंग से आगे बढ़ेंगे, फिर चाहे उन पर हरियाणा पुलिस कितने ही गोले बरसाए या फिर गोलियां ही क्यों न चलाए।