RBI data: RBI ने लुटाया डॉलर का भंडार? गिरते रुपये को बचाने की बड़ी कीमत चुका रहा है भारत

Published On: October 4, 2025
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RBI data: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves or Forex Reserves) में लगातार दूसरे हफ्ते बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इन दो हफ्तों में भारत की विदेशी दौलत में 2.73 बिलियन डॉलर (लगभग 27 हजार करोड़ रुपये) से ज्यादा की कमी आई है। इस बड़ी चोट के बावजूद, राहत की बात यह है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी 700 अरब डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर मजबूती से बना हुआ है, जो देश के लगभग 11 महीनों के आयात बिल को कवर करने के लिए पर्याप्त है।

आपको बता दें कि एक साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है जब भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने अपने जीवनकाल का उच्चतम स्तर छुआ था। उसके बाद से, भारत की विदेशी दौलत कई बार उस रिकॉर्ड लेवल के करीब तो पहुंची, लेकिन उसे पार नहीं कर सकी। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर देश का विदेशी मुद्रा भंडार किस स्तर पर आ गया है और इस गिरावट के पीछे क्या बड़े कारण हो सकते हैं।

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विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट

शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 26 सितंबर 2025 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.334 अरब डॉलर घटकर 700.236 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह में भी यह भंडार 39.6 करोड़ डॉलर घटकर 702.57 अरब डॉलर पर आ गया था। इस प्रकार, लगातार दो हफ्तों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कुल 2.73 अरब डॉलर की कमी हो चुकी है।

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क्यों आ रही है यह गिरावट?

अर्थव्यवस्था के जानकारों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह भारतीय रुपये में आ रही लगातार कमजोरी है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है, और RBI रुपये को संभालने तथा उसमें स्थिरता लाने के लिए बाजार में डॉलर बेचता (Dollar Selling) है। जब RBI अपने खजाने से डॉलर बेचता है, तो विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है। इसके अलावा, जब रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तो भारत को कच्चे तेल जैसी आयातित वस्तुओं के लिए विदेशी बाजारों में अधिक भुगतान करना पड़ता है, जिससे भी विदेशी मुद्रा पर दबाव बढ़ता है।

फॉरेन करेंसी असेट्स और गोल्ड रिजर्व का हाल

  • फॉरेन करेंसी असेट्स (FCA): विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा और प्रमुख घटक, फॉरेन करेंसी असेट्स (Foreign Currency Assets), में इस सप्ताह 4.393 अरब डॉलर की भारी गिरावट आई, और यह घटकर 581.757 अरब डॉलर रह गईं। FCA में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी शामिल होता है।

  • स्वर्ण भंडार (Gold Reserves): हालांकि, इस गिरावट के बीच एक सकारात्मक संकेत यह है कि भारत का स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) 2.238 अरब डॉलर बढ़कर 95.017 अरब डॉलर हो गया है, जो संकट के समय अर्थव्यवस्था को एक मजबूत सहारा प्रदान करता है।

  • SDR और IMF में आरक्षित स्थिति: इस दौरान, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 9 करोड़ डॉलर घटकर 18.789 अरब डॉलर रह गए, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की आरक्षित स्थिति भी 89 मिलियन डॉलर घटकर 4.673 बिलियन डॉलर रह गई।

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संक्षेप में, रुपये को स्थिर रखने के आरबीआई के प्रयासों के कारण विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बना हुआ है, लेकिन 700 अरब डॉलर से ऊपर का स्तर और बढ़ता हुआ स्वर्ण भंडार भारतीय अर्थव्यवस्था को बाहरी झटकों से निपटने के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करता है।


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