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Join NowITR : आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन भले ही नजदीक हो, लेकिन एक करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स (taxpayers) ने पहले ही अपना ITR दाखिल कर दिया है। इन टैक्सपेयर्स का मानना है कि जल्दी रिटर्न फाइल (return file) करने से उन्हें अपना रिफंड (refund) भी जल्दी मिल जाएगा। हालांकि आयकर विभाग ने इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि जल्दी ITR फाइल करने के अपने फायदे हैं, खासकर अगर आप अपना रिफंड जल्दी पाना चाहते हैं।
जल्दी ITR फाइल करने के फायदे: रिफंड का इंतजार होगा खत्म!
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आपके रिटर्न में कोई गलती या विसंगति (discrepancy) नहीं है, तो उसकी प्रोसेसिंग (processing) बहुत तेजी से होगी। इसका मतलब है कि आपका रिफंड आपके बैंक अकाउंट में जल्द ही आ जाएगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, “अगर मई और जून में आपका रिटर्न डेटा सही तरीके से मैच कराकर फाइल किया जाता है, तो इसकी प्रोसेसिंग आमतौर पर 2 से 4 हफ्तों में पूरी हो जाती है।” इसके विपरीत, जो टैक्सपेयर्स डेडलाइन के करीब (यानी आखिरी समय में) रिटर्न फाइल करते हैं, उनके रिटर्न की प्रोसेसिंग में काफी समय लग सकता है, जिससे रिफंड मिलने में देरी हो सकती है।
रिटर्न में गलती पर हो सकती है देरी: जानें क्यों!
यह समझना महत्वपूर्ण है कि अगर आपके रिटर्न में कोई गलती या विसंगति है, तो जल्दी फाइलिंग का फायदा नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि आपके फॉर्म 26AS में ₹1,200 की ब्याज आय (interest income) दिख रही है, लेकिन आपने इसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न में शामिल नहीं किया है, तो आयकर विभाग आपके रिटर्न को समीक्षा (review) के लिए चुन सकता है। इस तरह की किसी भी विसंगति के कारण, आपके रिफंड मिलने में 60 से 90 दिनों तक की देरी हो सकती है। इसलिए, रिटर्न फाइल करने से पहले अपने सभी वित्तीय दस्तावेजों को ध्यान से जांचना बहुत जरूरी है।
प्रोसेसिंग का क्रम: पहले आओ, पहले पाओ का सिद्धांत!
आयकर विभाग ITR वेरिफिकेशन (verification) के बाद ही रिफंड प्रोसेस करता है। रिटर्न की प्रोसेसिंग में लगने वाला समय अलग-अलग हो सकता है, जो फाइल किए गए रिटर्न की संख्या और उसमें मौजूद विसंगतियों पर निर्भर करता है। यह सच है कि जल्दी रिटर्न फाइल करने से आपको डेटा मिसमैच नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है, जिससे प्रोसेसिंग में आसानी होती है और आपका रिफंड समय पर आ सकता है।
जल्दी ITR फाइल करने के लिए क्या करें?
- सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें: फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, निवेश के प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट आदि।
- सभी आय स्रोतों को शामिल करें: सैलरी, ब्याज आय, किराया आय, पूंजीगत लाभ आदि।
- फॉर्म 26AS से मिलान करें: सुनिश्चित करें कि रिटर्न में भरी गई जानकारी आपके फॉर्म 26AS से मेल खाती हो।
- सही ITR फॉर्म चुनें: अपनी आय के स्रोत के अनुसार सही ITR फॉर्म भरें।
- ई-वेरिफिकेशन जरूर करें: रिटर्न फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन (e-verification) करना न भूलें, इसके बिना आपका रिटर्न अधूरा माना जाएगा।
जल्दी ITR फाइल करके आप न केवल अपना रिफंड जल्दी पा सकते हैं, बल्कि डेडलाइन की हड़बड़ी से भी बच सकते हैं। इसलिए, अगर आपने अभी तक अपना ITR फाइल नहीं किया है, तो जल्द से जल्द इसे पूरा कर लें!