Pitru Paksha: पितृपक्ष में भूलकर भी इस समय न करें दान, पितर हो जाएंगे नाराज, जानें 9 सितंबर का शुभ-अशुभ मुहूर्त

Published On: September 9, 2025
Follow Us
Pitru Paksha: पितृपक्ष में भूलकर भी इस समय न करें दान, पितर हो जाएंगे नाराज, जानें 9 सितंबर का शुभ-अशुभ मुहूर्त

Join WhatsApp

Join Now

Pitru Paksha यानी हमारे पूर्वजों को याद करने और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के 16 पावन दिन, अब शुरू हो चुके हैं। यह वह समय है जब हमारे पितर (पूर्वज) धरती पर आकर अपने परिवारजनों से अन्न-जल और सम्मान पाने की उम्मीद करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इन दिनों में किया गया दान-पुण्य, तर्पण और श्राद्ध सीधे हमारे पितरों तक पहुंचता है, जिससे उनकी आत्मा को शांति और तृप्ति मिलती है।

माना जाता है कि पितृपक्ष में श्रद्धापूर्वक किया गया दान न केवल हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद दिलाता है, बल्कि हमारे जीवन में आने वाली अनेक बाधाओं और संकटों को भी दूर करता है। इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दान-पुण्य जैसे शुभ कार्य भी यदि गलत समय पर किए जाएं तो उनका फल नहीं मिलता? ज्योतिष शास्त्र में हर कार्य के लिए एक विशेष समय निर्धारित है, जिसे मुहूर्त (Muhurat) कहते हैं।

इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए, हमारे साथ छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश के जाने-माने ज्योतिषी पंडित सौरभ त्रिपाठी जी ने 9 सितंबर 2025 के शुभ-अशुभ समय की विस्तृत जानकारी साझा की है। आइए, जानते हैं कि पितरों की शांति और अपने जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए आज आपको किस समय दान-पुण्य करना चाहिए और किस समय शुभ कार्यों से बचना चाहिए।

आज का चौघड़िया मुहूर्त: 9 सितंबर 2025 (मंगलवार)

(सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का समय)

चौघड़िया एक प्राचीन वैदिक ज्योतिष प्रणाली है, जो दिन और रात को आठ-आठ हिस्सों में बांटती है। इनमें से कुछ मुहूर्त बहुत शुभ होते हैं, तो कुछ में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।

READ ALSO  RISHIKESH TRAVEL: ऋषिकेश की छुपी हुई खूबसूरत जगहें: राजाजी नेशनल पार्क से नीर गढ़ जलप्रपात तक
मुहूर्त का नाम मुहूर्त का समय कैसा है यह समय?
रोग सुबह 05:54 बजे से 07:27 तक यह चौघड़िया विवाद, शत्रुता और रोग का कारक माना जाता है। इस समय दान-पुण्य या कोई भी नया और शुभ कार्य शुरू करने से बचें।
उद्वेग सुबह 07:27 बजे से 09:01 तक यह समय चिंता, तनाव और अस्थिरता लाता है। इस अवधि में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेना या नए कार्य की शुरुआत करना अशुभ फल दे सकता है।
चल सुबह 09:01 बजे से 10:34 तक यह एक सामान्य और गतिशील मुहूर्त है। यह समय यात्रा करने, वाहन खरीदने या चलायमान कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
लाभ सुबह 10:34 बजे से 12:07 तक (उत्तम मुहूर्त) यह समय व्यापार, शिक्षा और धन से जुड़े मामलों के लिए सर्वश्रेष्ठ है। पितृपक्ष में दान-पुण्य के लिए यह एक बहुत ही शुभ समय है।
अमृत दोपहर 12:07 बजे से 01:40 तक (सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त) यह दिन का सबसे शुभ चौघड़िया है। पितरों के निमित्त दान, ब्राह्मण भोजन, और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए यह अमृत काल है। इस समय किए गए कार्य 100% सफल होते हैं।
काल दोपहर 01:40 बजे से 03:13 तक इस चौघड़िया में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। यह विघ्न और बाधाओं का समय है।
शुभ दोपहर 03:13 बजे से 04:47 तक (शुभ मुहूर्त) जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह मुहूर्त विवाह, पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए बहुत शुभ है। इस समय भी आप दान-धर्म का कार्य कर सकते हैं।
रोग शाम 04:47 बजे से 06:20 तक दिन का यह अंतिम चौघड़िया फिर से अशुभ है। सूर्यास्त के करीब का यह समय किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए उचित नहीं है।
READ ALSO  Mallikarjun Kharge on Rana Sanga:राणा सांगा पर विवादित बयान से संसद में हंगामा, खरगे बोले - "संविधान घर जलाने की इजाजत नहीं देता"

आज रात का चौघड़िया मुहूर्त: 9 सितंबर 2025

_(सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय तक का समय)_

मुहूर्त का नाम मुहूर्त का समय कैसा है यह समय?
काल शाम 06:20 बजे से 07:47 तक रात का यह पहला चौघड़िया अशुभ है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत इस समय बिल्कुल न करें।
लाभ रात 07:47 बजे से 09:14 तक यह समय व्यापारिक बातचीत या धन लाभ से जुड़े कार्यों के लिए अच्छा है।
उद्वेग रात 09:14 बजे से 10:40 तक इस अवधि में मानसिक तनाव और कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं, इसलिए नए कार्य शुरू करने से बचें।
शुभ रात 10:40 बजे से 12:07 तक यह मुहूर्त रात्रि में किए जाने वाले मांगलिक कार्यों या पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है।
अमृत मध्यरात्रि 12:07 बजे से 01:34 तक रात का सबसे शुभ चौघड़िया। आध्यात्मिक कार्यों, मंत्र जाप, और ध्यान के लिए यह सर्वोत्तम समय है।
चल रात 01:34 बजे से 03:01 तक यह मुहूर्त रात्रि यात्रा और गतिशील कार्यों के लिए शुभ है।
रोग रात 03:01 बजे से 04:28 तक इस अशुभ अवधि में कोई भी नया काम शुरू करने से बचें, क्योंकि यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दे सकता है।
काल सुबह 04:28 बजे से 05:54 तक ब्रह्म मुहूर्त से ठीक पहले का यह समय अशुभ है। इस समय महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए।

इसलिए, यदि आप पितृपक्ष में दान-पुण्य करके अपने पितरों का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो 9 सितंबर को विशेष रूप से ‘लाभ’, ‘अमृत’ और ‘शुभ’ मुहूर्त का ध्यान रखें। सही समय पर किया गया छोटा सा दान भी आपको कई गुना फल प्रदान करेगा और आपके पितरों को शांति दिलाएगा।

READ ALSO  Uttar Pradesh News : यूपी में बहेगी विकास की नई धारा: प्रयागराज-मिर्जापुर के बीच बनेगा 100 KM का सुपरफास्ट 6-लेन हाईवे

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now