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जानें कितना बदल गया है मीडिया कर्मचारियों का स्वभाव

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जानें कितना बदल गया है मीडिया कर्मचारियों का स्वभाव

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Media– आज कल जब हम मीडिया फील्ड में कार्यरत किसी भी व्यक्ति को देखते हैं। तो उस व्यक्ति के स्वभाव में हमें आवेश, घमंड और हर तरह से स्वयं को सही साबित करने का जुनून देंखने को मिलता है। चाहें हम किसी एंकर को लें या किसी कंटेट राइटर को सभी के मन मे मैं का भाव देंखने को मिलता है। लेकिन वास्तव में मीडिया फील्ड से जुड़े व्यक्ति का स्वभाव कैसा होना चाहिए यह आज के समय मे चर्चा का विषय बना हुआ है।

अगर हम पुराने समय के मीडिया कर्मचारियों की बात करें तो उनके स्वभाव में शालीनता दिखाई देती थी। अपनी बात को कहने के लिए वह नर्म मिजाज रखते थे। डिबेट के दौरान भी उनकी भाषा सम्मान जनक रहती थी। वहीं उनकी कलम से कोई ऐसा कथन नहीं निकलता था जो किसी व्यक्ति पर व्यक्तिगत कटाक्ष कर रहा हो। क्योंकि यह पत्रकारिता के मूल पर अपना काम करते थे और अपनी आवाज किसी पर व्यक्तिगत कटाक्ष करने की जगह समाज के अमुख मुद्दे उठाने में व्यतीत करते थे।

लेकिन बदलते समय के साथ पत्रकारिता का मूल स्वरूप बदल गया है। अब पत्रकार पत्रकारिता की गरिमा को भूल चुका है। उसका स्वभाव स्वरथी है और वह जनता की आवाज न बनकर व्यक्तिगत कटाक्ष की राह पर चल पड़ा है। डिबेट शो के दौरान ऐसे मुद्दों को हवा दी जाती है जो समाज को विभक्त करते हैं और लोगो के मन मे नफ़रत का भाव जगाते हैं। कोई भी महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर डिबेट नहीं करना चाहता।