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यूपी में छुपा था आतंकी रिजवान, किसी को नहीं लगी भनक

डेस्क। अतंकी रिजवान बीते आठ दिनों से पत्नी और दो बच्चों के साथ राजधानी लखनऊ में छुपा हुआ था। इसके बावजूद यूपी के खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं हुई। यहां तक की एक आतंकी को किराए पर मकान देने वाले डाॅ.जियाउल हक भी कुछ भांप नहीं सकें। फिलहाल यूपी एटीएस मामले को लेकर काफी सजग हो चुकी है।

यूपी में किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए मोहम्मद रिजवान अशरफ उर्फ मौलाना ने आठ दिन पहले ही लखनऊ में अपना डेरा डाल दिया था। उसने एक डॉक्टर का घर ओएलएक्स से किराए पर लिया। आस पड़ोस के लोगों से खुद रिजवान न बातचीत करता था और न ही उसकी पत्नी और तीनों बच्चे भी।

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यहां तक रविवार देर रात जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसे गिरफ्तार कर ले गई तब लोगों को यह पता चला कि सआदतगंज के कैंपवेल रोड स्थित मौज्जमनगर इलाके के मकान नम्बर 99 में कोई रिजवान नाम का शख्स भी रहता है। रिजवान की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस ने मकान मालिक डॉ. जियाउल हक से पूछताछ की है। पूछताछ में पता चला कि मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला रिजवान प्रयागराज से होकर लखनऊ आया था। रिजवान के साथ उसकी पत्नी व तीनो बच्चे भी वहीं रहते थे। जिनकी उम्र 4 साल, 2 साल और 8 महीने की है।

प्रयागराज से लखनऊ आया :

रिजवान के गिरफ्तार होने के बाद सआदतगंज की थाना पुलिस मकान मालिक जियाउल हक को पूछताछ के लिए थाने ले गई थी। सआदतगंज पुलिस के मुताबिक डॉ. जिया उल हक ने अपने मकान को किराए पर देने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था और करीब एक माह पहले रिजवान से संपर्क हुआ और उसने बताया कि वह प्रयागराज में नौकरी करता है। पर अब उसका ट्रांसफर लखनऊ हो गया है, जिस वजह से उसे मकान किराए पर लेना है। आठ दिन पहले ही वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ मकान में रहने के लिए आया था। उन्होंने किराए पर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट तो करवाया था पर पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाया। पुलिस जांच में सामने आया है कि मकान मालिक आईएम रोड पर ही स्थित अपने दूसरे मकान में रहते हैं।

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