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इंदौर में डेंगू बना चिन्ता का विषय, नया वैरिएंट बना खतरा 

 

Indore Dengue: यह सीजन मौसमी बीमारियों का है। ऐसे में डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों का खातर नाकहै। इंदौर में बारिश रुकने के बाद से ही मच्छरों से जनित बीमारियों के मामले बढ़ गए हैं। बीते दिन शहर में डेंगू के चार मरीज मिले हैं।

वहीं मलेरिया विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में मामले बढ़ सकते हैं।

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इंदौर में डेंगू के मरीजों की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा है। अब शहर में डेंगू संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 42 की हो गई है। वहीं चौंकाने वाली बात ये है कि कुल 42 मामलों में से 21 मामले पिछले 18 दिनों में सामने आए हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ दौलत पटेल के मुताबिक पिछले रविवार को 4 लोग डेंगू पॉजिटिव भी पाए गए थे, जिनमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं।

नए वेरिएंट से ज्‍यादा खतरा : आपको बता दें कि समय के साथ ही डेंगू के लक्षणों में भी बदलाव आ रहा है। इस बार डेंगू के नए वेरिएंट के चलते खतरा कुछ ज्‍यादा ही बढ़ गया है। जनरल फिजिशियन डॉ प्रवीण दाणी ने बताया कि इसमें प्लेटलेट्स बहुत तेजी से घट रहे हैं वहीं गर बुखार नहीं उतरता है तो डॉक्‍टर से मिलना चाहिए।

तेजी से घटते हैं प्लेटलेट्स : अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की कतार बढती ही जा रही है। डेंगू के नए वेरिएंट में बुखार के लक्षण भी बदल चुके हैं। इसके चलते डॉक्टरों को भी समझने में कुछ समय लग रहा है और डेंगू का डेनवी टू स्ट्रेन के काटते ही प्लेटलेट्स तेजी से डाउन हो हो रही है।

जानिए क्‍या है डेनवी 2 स्ट्रेन : डेंगू का डेनवी 2 स्ट्रेन बहुत ही खतरनाक माना जा रहा है। डेंगू चार तरह का होना है। इनमें सबसे पहला DENV-1 स्ट्रेन, दूसरा DENV-2 स्ट्रेन, तीसरा DENV-3 स्ट्रेन और चौथा DENV-4 स्ट्रेन होता है। अब तक डेंगू के स्ट्रेन 3 के मामले सामने आते थे। वहीं 2012 में डेंगू के डेन वी स्ट्रेन 1 ने काफी लोगों को बीमार भी किया था। इस बार भी डेंन वी टू स्ट्रेन की तुलना 2012 में स्ट्रेन वन से करी जा रही है।

आखिर लक्षणों में क्‍या हो रहा बदलाव : डेंगू के डेन वी टू स्ट्रेन में तेज बुखार, सिर दर्द के अलावा जोड़ों में दर्द, उल्टी और मतली के लक्षण दिखाई दे रहे हैं साथ ही कुछ लोगों में बहुत ज्यादा घबराहट और बहुत ज्यादा कमजोरी आती है।

 इसकी वजह से मसूड़ों से लेकर नाम से खून तक आ जाता है। डॉ दाणी ने यह बताया कि इस तरह के लक्षण नजर आए तो भूलकर भी इसे हल्के में न लें। डेंगू का टेस्ट कराने के साथ डॉक्टर से परामर्श भी लें।

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