डेस्क। CAA ने एक बार फिर नागरिकता को लेकर चर्चाएं शुरु कर दीं हैं। लखनऊ में करीब चार सौ शरणार्थियों को नागरिकता दी गई है जबकि अभी करीब 50 मामले पाइप लाइन में भी हैं।
अब जबकि केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है तो उन लोगों में भी उम्मीद जगी है जिनको अभी आधिकारिक रूप से भारत की नागरिकता नहीं मिल सकी। प्रशासन का ये कहना है कि कुछ ही मामले लंबित हैं जिन पर जल्दी फैसला लिया भी जाएगा।
बता दे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने से पहले ही लखनऊ में करीब चार सौ शरणार्थियों को नागरिकता दी जा चुकी है। लखनऊ में अभी करीब 50 मामले पाइप लाइन में हैं जिनको जल्द ही हरी झंडी दिखाई जाएगी। एडीएम प्रशासन शुभि सिंह ये बताते हैं कि जो भी मामले नागरिकता के हैं उनको प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा रहा है।
वहीं दरअसल नब्बे के दशक में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लखनऊ में काफी बड़ी संख्या में शरणार्थी आए भी थे। उधर, इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र देवबंद स्थित दारुल उलूम ने इस मामले में कुछ भी कहने से इन्कार किया है और जमीयत उलमा-ए-हिंद के दोनों धड़ों ने भी कोई प्रतिक्रिया अभी नहीं दी है।
CAA: यूपी में पुलिस का फ्लैग मार्च
जमीयत उलमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) के प्रवक्ता मौलाना फजलुर्रहमान का ये कहना है कि पहले मामले का अध्ययन किया जाएगा, उसके बाद ही संगठन कोई बयान जारी करेगा।
पीएम मोदी आज इतनी वंदे भारत ट्रेंस को दिखाएंगे हरी झंडी
शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करने वाले शिव शांति आश्रम के सेवादार दर्शन लाल का ये कहना है कि हमारे समाज के करीब 40 लोग और हैं, जिन्हें नागरिकता देने की कागजी प्रक्रिया पूरी करनी है। रायबरेली, अयोध्या, अलीगढ़ और आगरा के भी लगभग 40 ही लोग और हैं, जिन्हें नागरिकता मिलने की प्रतीक्षा थी और सीएए लागू करने के लिए सरकार का विशेष धन्यवाद।