धर्म

हिंदू धर्म में बताएं गए हैं नहाने के ये नियम

 

 

डेस्क । हिन्दू धर्म में व्यक्ति की दैनिक क्रिया से लेकर महत्वपूर्ण काम को करने के लिए कई विशेष नियम और उपाय बताए गये हैं, जिसे अपनाने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। सनातन परंपरा में किसी भी कार्य को करने के लिए तन और मन से पवित्र होना भी काफी जरूरी बताया गया है और इसके लिए प्रतिदिन स्नान करने का नियम भी बनाया गया है। क्या आप जानते हैं कि स्नान करने को लेकर आखिर क्या नियम हैं।

स्नान कब करना उचित है और कब नहीं करना चाहिए? स्नान निर्वस्त्र होकर करना शुभ या अशुभ? किन चीजों को करने के बाद तुरंत स्नान करना मना है? तो आइए इन सभी सवालों के जवाब को विस्तार से जान लेते हैं।

जानिए कब और कैसे करना चाहिए स्नान

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शास्त्रों के अनुसार आदमी को प्रतिदिन रात की बजाय सुबह के समय स्नान करना चाहिए । वहीं हिंदू मान्यता के अनुसार प्रात:काल स्नान के बाद आदमी खुद के भीतर सकारात्मक ऊर्जा को महसूस भी करता है।

हिंदू मान्यता के अनुसार प्रात:काल घर या फिर बाहर किसी भी नदी या सरोवर आदि में स्नान करते समय व्यक्ति को शुभता और सौभाग्य के लिए गंगा, यमुना, गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन संनिधिम कुरु मंत्र का जाप भी करना चाहिए।

हिंदू मान्यता के अनुसार स्नान करने के बाद हमेशा स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए और नहाने के बाद पूर्व में पहने गये कपड़े को दोष भी माना गया है। मान्यता है कि स्नान करने के बाद पहले पहने हुए कपड़ों को पहनने से नकारात्मक ऊर्जा से नुकसान होने की आशंका भी बनी रहती है।

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सनातन परंपरा में पूजा-पाठ को बहुत ही ज्यादा पवित्र काम माना गया है और इसे करने के लिए स्नान करना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में बगैर स्नान के न तो पूजा पाठ करना चाहिए और न ही पूजा से जुड़ी चीजों को छूना भी चाहिए।

हिंदू मान्यता के अनुसार कभी भी स्नान किए बगैर न तो भोजन बनाना चाहिए और न ही बना हुआ भोजन खाना ही चाहिए।

नहाते समय इन बातों का हमेशा ध्यान दें

हिंदू मान्यता के अनुसार कभी भूलकर भी खाना खाने के बाद स्नान नहीं करना चाहिए और स्नान करने के बाद ही खाना खाना चाहिए। सिर्फ धर्म ही नहीं विज्ञान भी कहता है कि भोजन करने के बाद में नहाना नहीं चाहिए।

धार्मिक मान्यता है कि कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति के स्नान करने बाद बचे हुए पानी से नहीं नहाना चाहिए और इसी प्रकार व्यक्ति यदि कुएं या हैंडपंप पर नहा रहा हो तो उसे स्वयं पानी निकाल कर ही नहाना चाहिए।

यदि आप किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने के लिए जाते हैं तो आपको नहाने के बाद भूलकर भी अपने कपड़े उसमें नहीं गारने चाहिए और न ही नहाते समय जल में मूल-मूत्र आदि का त्याग करना चाहिए।

हिंदू मान्यता के अनुसार कभी भी निर्वस्तत्र होकर नहीं नहाना चाहिए और ऐसी मान्यता है कि इस नियम की अनदेखी करने वाले व्यक्ति को पितृदोष लगता है।

मान्यता है कि स्नान करने के बाद न तो पूजा के लिए फूल तोड़ना चाहिए और न ही पूजा के बर्तन आदि को साफ करना चाहिए। ये दोनों ही कार्य स्नान से पहले ही कर लेने चाहिए।

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