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Mahabharat Learning in Hindi: महाभारत में छुपा है जीवन का राज

Mahabharat Learning in Hindi: जीवन में उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है। आज सबकुछ अच्छा चल रहा है तो हो सकता है कल परिस्थिति आपके विरुद्ध हो जाएगी। हिन्दू धर्म में परिस्थितियों से लड़ने के संदर्भ में कई विशेष बातें बताई गई हैं। जब हम बात धार्मिक ग्रन्थ महाभारत की करते हैं तो इसमें जीवन का सार भरा हुआ है। अगर आप महाभारत के मूल को समझ लेते हैं तो आपका जीवन साकार हो जाता है।

महाभारत की गहराइयों को जो व्यक्ति समझ जाता है उसे जीवन का लक्ष्य समझ आ जाता और परिस्थितियों से लड़ने का साहस उसे मिलता है। वही आज हम आपको महाभारत की कुछ ऐसी मूल बातें बताने जा रहे हैं जिनको यदि आप समझकर आत्मसात कर लेते हैं तो आपका जीवन सफल हो जाएगा और आपके भीतर परिस्थितियों के चक्र को समझने की प्रवृति विकसित होगी।

जानें महाभारत से क्या मिलती है सीख;

साहस के साथ संघर्ष:

महाभारत आपको साहस और संघर्ष करना सिखाता है। यदि आप साहस के साथ संघर्ष करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता आपको मिलती है। क्योंकि पांडवों के पास कुछ नहीं था। लेकिन उन्होंने साहस के साथ संघर्ष किया और महापुरुषों की सेना वाली दुर्योधन की सेना को परसत कर दिया।

लक्ष्य भेदना:

महाभारत आपको लक्ष्य की तरफ ध्यान केंद्रित करना सिखाता है। क्योंकि जो व्यक्ति अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके प्रयास करता है उसे जीवन में सफलता प्राप्त होती है। कहते हैं आज अर्जुन का नाम अगर प्रसिद्ध है और युगों-युगों तक उनके सामर्थ की सराहना हो रही है। तो उसका एकमात्र कारण उनका ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित होना और अपनी विजय के लिए कई आयाम न तलाश कर उनके पास जो है उसे बेहतर तरीके से उपयोग कर अपने लक्ष्य को भेदना था।

लोगों का चुनाव:

हम अक्सर देखते हैं हमारे आसपास के लोग हमें गलत मार्ग पर चलना सिखाते हैं। तो अगर आप महाभारत के मूल को समझते हैं तो आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि आपके मित्र आपको दिशा दिखते हैं। जैसे पांडवों के सखा थे कृष्ण तो आज वह युग-युगानंतर के लिए विख्यात हैं। तो आप अपने लिए सही मित्रो का चुनाव करें और जो आपको नकारात्मक मार्ग पर ले जाए उसका त्याग करने से कतई पीछे न हटें।

धैर्य के साथ काम:

अगर आपको लगता है कि परिस्थितियां आपके अनुकूल नहीं है। तो आपको धैर्य रखना चाहिए और शांत होकर लगातार अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते रहना चाहिए। क्योंकि कौरवों से सब प्राप्त करने के लिए धैर्य का त्याग किया और छल-कपट के साथ लोगों से सब छीन लिया। लेकिन पांडवो ने धैर्य का परिचय दिया और पांडवों पर विजय प्राप्त की।

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