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Garuda Purana Lord Vishnu Niti: क्यों नहीं करना चाहिए मृतक के कपड़ो का इस्तेमाल 

 

डेस्क। Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: संसार में जिसका भी जन्म होता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है। इसलिए मृत्यु को अटल सत्य भी बोला जाता है। गरुड़ पुराण ग्रंथ में भगवान विष्णु द्वारा मृत्यु और मृत्यु के बाद की स्थितियों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा भी की है।

भगवान कृष्ण ने भी गीता में मृत्यु के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि, ‘मृत्यु के बाद केवल शरीर नष्ट होता है पर आत्मा कभी नहीं मरती’ यानी आत्मा अजर-अमर होती है। परिवार में जब भी किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो लोग उनकी वस्तुओं को याद के तौर पर बहुत संभालकर रखते हैं। वहीं कुछ लोग तो मृतक की वस्तुओं का इस्तेमाल भी करते हैं तो कुछ लोग इन्हें दान कर देते हैं।

गरुड़ पुराण में इस बारे में भी चर्चा की गई है और इसमें बताया गया है कि, मृतक की किन वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और यदि इन्हें इस्तेमाल किया गया तो आखिर इससे क्या होगा? वहीं इस क्रम में गरुड़ पुराण में मृतक के कपड़ों के बारे में भी बताया गया है। इसमें ये भी बताया गया है कि, भूलकर भी मृतक के कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए।

जानिए क्यों नहीं करना चाहिए मृतक के कपड़ों का इस्तेमाल

गरुड़ पुराण में इसका उल्लेख मिलता है कि, मृत्यु के बाद मृतक के कपड़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसका मुख्य कारण यह है कि, व्यक्ति का अपने कपड़ों के साथ खास जुड़ाव होता है क्योंकि मरने के बाद भी आत्मा भौतिक संसार का मोह नहीं त्याग पाती और वह अपनों के बीच में ही रहना चाहती है। इसलिए मृतक के जुड़ी चीजों का इस्तेमाल करने के बजाय इन्हें दान भी कर देना चाहिए।

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गरुड़ पुराण में आगे यह भी बताया गया है कि, यदि मृतक के कपड़ों का इस्तेमाल किया जाए तो इससे जीवात्मा उस व्यक्ति की ओर आकर्षित हो सकती है या फिर जो व्यक्ति इन कपड़ों को धारण करता है, उसे एक अलग तरह की ऊर्जा का अनुभव भी होने लगता है। इसलिए कई लोग मृतक के कपड़ों को रखने के बजाय इसे दान कर देते हैं और कपड़ों के साथ ही मृतक की घड़ी और जेवर का भी इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी जाती रही है।

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