डेस्क। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) के बीच बातचीत के एक दिन बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने एलजी को पत्र भी लिखा है। वहीं उपराज्यपाल ने सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति और नामांकन में गिरावट की बात भी कही थी। और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को एलजी सक्सेना को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली में शिक्षकों और बच्चों की ‘उपलब्धियों का उपहास नहीं करने’ के लिए भी कहा है।
LG के आरोप झूठे हैं बोले सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा कि उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में जिन आंकड़ों का जिक्र पेश किया है, वे सभी झूठे हैं। दिल्ली के 60 हजार शिक्षक, 18 लाख बच्चे और उनके 36 लाख माता-पिता, जिन्होंने अपनी मेहनत से दिल्ली की शिक्षा प्रणाली को बेहतर भी बनाया है और वे आपके कारण अपमानित महसूस भी कर रहे हैं।
साथ ही मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में कहा, “हमें इसपर गर्व है कि हमारी सरकार के दौरान सरकारी स्कूलों की छवि बदली है। ‘टेंट वाले स्कूल’ अब ‘टैलेंट वाले स्कूल’ में तब्दील हो चुके हैं। इतना सब होने के बावजूद जब उपराज्यपाल अपने पत्र में राजनीतिक पक्षपात के साथ लिखते हैं कि दिल्ली के शिक्षा विभाग में कोई काम नहीं हुआ है तो यह है उन लाखों बच्चों उनके माता-पिता और शिक्षकों का अपमान कर रहे है।”
बता दें अरविंद केजरीवाल को भेजे पत्र में उपराज्यपाल ने यह कहा था कि 2013-14 के दौरान सरकारी स्कूलों में नामांकन 16.1 लाख था और 2019-20 में यह गिरकर 15.1 लाख हो गया। वहीं मनीष सिसोदिया ने इस पत्र में जवाब देते हुए कहा कि एलजी के दावों के विपरीत स्कूलों में 2015-16 में छात्रों की संख्या 14.66 लाख थी और इस साल यह 18 लाख है यह दावा पेश किया है।