देश– कल दशहर के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर स्थित आरएसएस कार्यालय पर सम्बोधन किया और महिलाओं को सशक्त बनाने का मुद्दा उठाया। आरएसएस प्रमुख ने कहा अगर देश का विकास करना है तो महिलाओं को आगे लाना होगा। इसके अलावा उन्होंने समता व शिक्षा का मुद्दा भी उठाया।
वही अब मोहन भागवत के बयान पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि क्या तेंदुआ कभी अपना चरित्र बदल सकता है क्या कभी संघ प्रमुख किसी महिला को बनाएगे। वही कपिल सिब्बल ने कहा संघ पहले शाखा में महिलाओं को आने की अनुमति दे।
कांग्रेस नेता दिग्विजय ने आरएसएस से कुछ सवाल भी किये। उन्होंने पूंछा क्या आरएसएस बदल रहा है। अगर वास्तव में आरएसएस खुद को बदल रहा है तो मोहन भागवत से मेरे कुछ सवाल है। वह अपने हिन्दू राष्ट्र के एजेंडे को बदल दें।
क्या वे किसी महिला को सरसंघचालक के रूप में नियुक्त करेंगे और क्या अगला सरसंघचालक गैर कोंकास्ट/चितपावन/ब्राह्मण होगा? उन्होंने पूछा, “क्या अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)/अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) का व्यक्ति सरसंघचालक के पद के लिए स्वीकार्य होगा? क्या वे आरएसएस से पंजीकृत होंगे? क्या उनके पास आरएसएस की नियमित सदस्यता होगी?
उन्होंने आगे कहा,यदि मेरे सभी प्रश्नों/शंकाओं का उत्तर सकारात्मक रूप से स्पष्ट किया गया तो मुझे आरएसएस से कोई समस्या नहीं होगी. मोहन भागवत जी यदि आप ऐसा कर सकते हैं तो मैं आपका प्रशंसक बन जाऊंगा।