इतिहास– जब से आदिपुरुष का टीजर रिलीज हुआ है तब से प्रभु श्री राम से जुड़ी कई चीजें चर्चा का विषय बनी हुई है। इन्हीं में से एक है रामसेतु। रामसेतु हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। रामसेतु को लेकर हिंदूओ की सिर्फ आस्था नहीं है अपितु इससे जुड़े कुछ वैज्ञानिक तर्क भी सुनने को मिल जाते हैं। वही आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं रामसेतु से जुड़े कुछ वैज्ञानिक और धार्मिक तत्वों के बारे में जिनके विषय मे सुनकर आप चौंक जाएंगे।
जाने क्या है रामसेतु–
हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक रामसेतु एक पुल है जो अभी तक हिन्दू महासागर के नीचे स्थित है। कहा जाता है इस पुल का निर्माण तब हुआ था जब प्रभु श्री राम लंका विजय के लिए लंका जा रहे थे। कहानी यह भी है कि पत्थर पर प्रभु श्री राम का नाम लिखकर पानी मे पत्थर डालकर इस पुल का निर्माण किया गया था। यह पुल आज तक डूबा नही है क्योंकि इस पुल के निर्माण में जिन पत्थरों का उपयोग किया गया। उनपर प्रभु श्री राम का नाम लिखा था।
वही अगर हम मुस्लिम धर्म की बात करे तो रामसेतु को लेकर इनके भी अपने दावे है। मुस्लिम धर्म के लोगो का कहना है कि इस पुल का निर्माण आदम ने करवाया था।कथाओं के अनुसार, आदम ने इस पुल का उपयोग आदम की चोटी तक पहुंचने के लिए किया था. जहां वह एक पैर पर 1,000 वर्षों तक पश्चाताप में खड़ा रहा।
वही अगर हम राम सेतु को लेकर वैज्ञानिक मत को देखे तो अमेरिका के साइंस चैनल पर आए एक शो “एनशिएंट लैंड ब्रिज” में कई रिसर्चर्स ने दावा किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच 50 किलोमीटर लंबी एक रेखा चट्टानों से बनी है और ये चट्टानें सात हजार साल पुरानी हैं जबकि जिस बालू पर ये चट्टानें टिकी हैं, वह चार हजार साल पुराना है।