इतिहास के पन्ने

जाने क्या हुआ जब पहली बार कश्मीर पहुंचे गांधी और शेख़ अब्दुल्ला

3
×

जाने क्या हुआ जब पहली बार कश्मीर पहुंचे गांधी और शेख़ अब्दुल्ला

Share this article

इतिहास– समाचार पत्र वह माध्यम है जो हमे अतीत की घटनाओं से मिलवाते है। समाचार पत्रों के जरिए हम उन सभी घटनाओं को महसूस कर सकते हैं जिन्हें हमने कभी भी प्रत्यक्ष रूप से नही देखा। वही अगर हम आजादी के समय के अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की बात करे तो यह बहु चर्चित अखबार रहा है। इस अखबार का महात्मा गांधी और कांग्रेस पार्टी से पुराना सम्बंध रहा है।

Mamta Gandhi

यही वह अखबार था जिसने 12 रियासतों को विलय करने की मंजूरी दी थी। यह फैसला वायसरॉय हाउस में लॉर्ड माउंटबेटन की लंच पार्टी के दौरान हुआ था। लॉर्ड माउंटबेटन ने देशी रियासतों की विलय की सलाह चेतावनी भरे स्वर में दी थी।

इसी अखबार के माध्यम से फ़्रंटियर गांधी के नाम से मशहूर बादशाह ख़ान ने नई दिल्ली में इस बात की घोषणा कर दी थी कि अब पाकिस्तान और भारत दोनो आजाद होने की कगार पर है। लेकिन एक इलाका ऐसा है जो पाकिस्तान के गठन से असंतुष्ट है। वह इलाका है फ़्रंटियर। इस इलाके के लोगो को लग रहा है कि पाकिस्तान उनके ऊपर जबरन थोपा जा रहा है।

वही जब गांधी ने पहला कश्मीर दौरा किया तो उनका यह दौरा चर्चा का विषय बन गया। हर कोई उनके इस दौरे की सराहना कर रहा था। कश्मीर में गांधी का भव्य स्वागत हुआ। गांधी के साथ शेख़ अब्दुल्ला भी मौजूद थे। जम्मू और कश्मीर के प्रधानमंत्री रामचंद्र काक ने अपने दो प्रतिनिधि महात्मा गांधी से मिलने के लिए भेजे. गांधी की कार पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का झंडा लहरा रहा था।

वही जब 31 जुलाई को लाहौर में फ़्रंटियर मेल को बम से उड़ाने की साजिश को नाकाम किया गया तो उस मेल में महात्मा गांधी का एक करीबी सवार था। इस घटना के बाद भारतीय सेना ने अपना पहला मुख्यालय लाल किला बनाया और गांधी के नाम के साथ देश मे आजादी का गुंजन हुआ।