Politics– भारतीय राजनीति में बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिये विपक्ष एकजुटता का परिचय दे रहा है। विपक्ष लगातार यह दावा कर रहा है कि वह एकजुट होकर बीजेपी को केंद्र से उखाड़ फेकेगा। ममता बनर्जी और केसीआर इस कवायद में लगातार जुटे हुए हैं। दोनो का एक ही उद्देश्य है बीजेपी को सत्ता से हटाना।
इन दोनों नेताओं के बयान से यह भी स्पष्ट है कि यह खुद को मुख्य विपक्षी मानते हैं। वही कांग्रेस को यह कम आंकते है। इनके लिए अब कांग्रेस विपक्ष नही बल्कि सिर्फ नाम की पार्टी है जनता के बीच अब कांग्रेस की छवि धूमिल हो गई है। लेकिन इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस को बहुत अधिक तबज्जूब दे दिया।
बीजेपी को 2024 के चुनाव में 50 सींटो तक सीमत रखने का दावा करने वाले नीतीश कुमार जब 5 सितंबर को।दिल्ली पहुंचे। तो उन्होंने सबसे पहले अगर किसी से मुलाकात की तो वह थे कांग्रेस नेता राहुल गांधी। नीतीश और राहुल की यह मुलाकात काफी सुर्खियां बटोर रही है।
जहाँ नीतीश कुमार और राहुल गांधी की मीटिंग सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है। वही इस समय ममता बनर्जी और केसीआर का पुराना बयान खूब याद किया जा रहा है। क्योंकि ममता बनर्जी दिल्ली आती है तो राहुल गांधी से मिले बिना वापस चली जाती है। वही केसीआर नीतीश कुमार से मिलने जाते हैं। लेकिन वह भी राहुल गांधी को नजरअंदाज करते हैं।
अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर नीतीश कुमार सिर्फ क्यों राहुल गांधी को इतना तबज्जूब दे रहे हैं। जानकारों की माने तो राहुल गांधी से नीतीश कुमार की मुलाकात एक तरह की मजबूरी है। क्योंकि नीतीश एक बेहतरीन नेता है उन्हें राजनीति की अच्छी समझ है। जनता के बीच नीतीश कुमार की अच्छी समझ है। वही अगर हम कांग्रेस की बात करे तो कांग्रेस के पास कोई अच्छा लीडर नही है। अब ऐसे में अगर कांग्रेस नीतीश कुमार को अपना चेहरा बना लेती है तो इससे कांग्रेस को फायदा होगा और नीतीश एक बड़े चेहरे के रूप में उभर सकते हैं।
अगर हम बात ममता बनर्जी की करे तो यह अपने दम पर पश्चिम बंगाल में बीजेपी को हरा चुकी है। वही केसीआर भी बीजेपी का डटकर सामना कर रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार किसी के सहारे ही सरकार चला रहे हैं और अब सबको लग रहा है कि वह अगर कांग्रेस के सहारे जाते हैं। तो वह एक बड़े नेता के रूप में उभर सकते हैं।