Kedarnath helicopter crash: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में रविवार सुबह केदारनाथ जा रहा एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह दर्दनाक हादसा गौरीकुंड के जंगलों में हुआ, जिसमें सवार सभी सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है, खासकर केदारनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को।
दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर में सवार सात लोगों में महाराष्ट्र के यवतमाल का एक पूरा परिवार भी शामिल था। इस बेहद दुखद हादसे में दंपति और उनकी दो साल की मासूम बेटी की जान चली गई। वहीं, इस परिवार का एक सदस्य, उनका बेटा, कथित तौर पर इसलिए सुरक्षित बच गया क्योंकि वह यात्रा पर साथ नहीं गया था और अपने दादाजी के साथ महाराष्ट्र में ही रुक गया था। यह घटना त्रासदी के बीच उम्मीद की एक छोटी सी किरण जैसी है, जिसने लोगों को भावुक कर दिया है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना रविवार की सुबह रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड के जंगलों में घटी। बताया जा रहा है कि उस समय खराब मौसम और शून्य विजिबिलिटी (दृष्टिहीनता) थी, जिसे हादसे का प्राथमिक कारण माना जा रहा है। हेलिकॉप्टर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी लौट रहा था।
यवतमाल के मृत परिवार की पहचान परिवहन व्यवसायी राजकुमार जायसवाल, उनकी पत्नी श्रद्धा और उनकी दो साल की बेटी काशी के रूप में हुई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पूर्व वणी विधायक विश्वास नांदेकर ने इस परिवार की पहचान की पुष्टि की।
जायसवाल अपने परिवार के साथ 12 जून को यवतमाल के वणी से केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए रवाना हुए थे। न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दंपति का बेटा विवान इस भयानक त्रासदी से बच गया क्योंकि वह महाराष्ट्र के पांढरकवड़ा में अपने दादाजी के साथ रुका हुआ था और परिवार के साथ इस यात्रा पर नहीं गया था। शायद नियति को यही मंजूर था।
दुर्घटना में मारे गए अन्य लोगों में हेलिकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान, बद्रीनाथ-उत्तराखंड मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य विक्रम सिंह रावत, और उत्तर प्रदेश के विनोद देवी (66) और तुष्टि सिंह (19) शामिल थे। यह हादसा केदारनाथ यात्रा सुरक्षा और पहाड़ी क्षेत्रों में विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
दुर्घटना का कारण और जांच:
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार के अनुसार, खराब मौसम के कारण शून्य विजिबिलिटी ही इस हेलिकॉप्टर दुर्घटना का मुख्य कारण प्रतीत हो रही है। पहाड़ों में बदलते मौसम का अनुमान लगाना अक्सर मुश्किल हो जाता है, और ऐसे में विजिबिलिटी कम होने से उड़ान भरना बेहद खतरनाक हो सकता है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि इस दुखद दुर्घटना की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी। जांच में दुर्घटना के सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ से लौट रहे हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, एहतियात के तौर पर रविवार को चारधाम यात्रा मार्ग पर हेलिकॉप्टर सेवाओं को दो दिनों के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की है। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
एक आधिकारिक बयान में दुर्घटना के बारे में और जानकारी दी गई है: “हेलिकॉप्टर में 5 यात्री, एक बच्चा (infant) और एक चालक दल का सदस्य सवार थे। हेलिकॉप्टर सुबह 05:10 बजे गुप्तकाशी से रवाना हुआ और सुबह 05:18 बजे श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर उतरा। हेलिकॉप्टर सुबह 05:19 बजे गुप्तकाशी के लिए फिर से रवाना हुआ और गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।” उड़ान भरने और दुर्घटनाग्रस्त होने के बीच का यह बहुत ही कम समय बताता है कि हादसा कितना अचानक और भयानक था।
हाल की अन्य घटनाएं:
यह हेलिकॉप्टर दुर्घटना हाल के दिनों में हुई विमानन दुर्घटनाओं की श्रृंखला में एक और कड़ी है। इससे पहले 8 मई को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, 7 जून को केदारनाथ जा रहे एक हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण उड़ान भरने के तुरंत बाद सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। उस घटना में पायलट घायल हो गया था, लेकिन सवार पांच श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया गया था। बार-बार हो रहे ऐसे हादसे पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा सुरक्षा पर चिंता पैदा करते हैं। केदारनाथ यात्रा और चारधाम यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए इन घटनाओं की गहन जांच और जरूरी सुधार बहुत महत्वपूर्ण हैं।