eSIM Fraud: नया खतरा! एक फोन कॉल और आपका बैंक बैलेंस जीरो हो सकता है •

Published On: August 15, 2025
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eSIM Fraud: नया खतरा! एक फोन कॉल और आपका बैंक बैलेंस जीरो हो सकता है

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सावधान! आपका सिम कार्ड बने नया निशाना, एक गलती और बैंक अकाउंट खाली

आजकल हम सब कुछ ऑनलाइन कर रहे हैं – शॉपिंग से लेकर बैंकिंग तक। सब कुछ हमारे मोबाइल नंबर से जुड़ा है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर कोई आपके मोबाइल नंबर पर ही कब्ज़ा कर ले तो क्या होगा? आजकल ठगों ने एक नया तरीका निकाला है जिसे ‘eSIM फ्रॉड’ कहते हैं। इसमें आपको पता भी नहीं चलता और आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि यह क्या बला है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

आखिर ये eSIM क्या होता है?

जैसे हम फोन में छोटा सा प्लास्टिक का सिम कार्ड लगाते हैं, eSIM उसका डिजिटल रूप है। ‘eSIM’ का मतलब होता है ‘एम्बेडेड सिम’। यह एक तरह की डिजिटल चिप होती है जो पहले से ही आपके फोन के अंदर लगी होती है। इसे चालू कराने के लिए आपको टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करना होता है और वो आपके फोन पर एक सॉफ्टवेयर भेजकर इसे एक्टिवेट कर देते हैं। काम यह बिल्कुल नॉर्मल सिम कार्ड की तरह ही करता है, बस इसे फोन में डालने-निकालने का झंझट नहीं होता। आजकल नए स्मार्टफोन्स में यह सुविधा आम हो गई है।

कैसे हो रहा है यह खतरनाक फ्रॉड?

इस फ्रॉड का तरीका बहुत सीधा और खतरनाक है।

  1. पहला कदम – कॉल या मैसेज: सबसे पहले, फ्रॉड करने वाला आपको फोन करेगा या मैसेज भेजेगा। वो खुद को किसी टेलीकॉम कंपनी (जैसे Jio, Airtel, Vi) का कर्मचारी बता सकता है। वो आपको सिम अपग्रेड करने, 5G सर्विस एक्टिवेट करने या KYC अपडेट करने जैसा कोई बहाना बताएगा।
  2. दूसरा कदम – भरोसा जीतना: वो आपसे कुछ सामान्य जानकारी लेकर आपका भरोसा जीतने की कोशिश करेगा। फिर वो आपको एक लिंक भेजेगा या किसी ईमेल पर QR कोड स्कैन करने के लिए कहेगा। वो दावा करेगा कि यह प्रक्रिया आपके फिजिकल सिम को eSIM में बदलने के लिए जरूरी है।
  3. तीसरा कदम – आपका कंट्रोल खत्म: जैसे ही आप उनके भेजे लिंक पर क्लिक करते हैं या उनके बताए गए प्रोसेस को फॉलो करते हैं, आप अनजाने में अपने फिजिकल सिम को eSIM में बदलने की रिक्वेस्ट को मंजूरी दे देते हैं। कुछ ही देर में आपके फोन से नेटवर्क गायब हो जाएगा, क्योंकि आपका सिम कार्ड बंद हो चुका है और उसका डिजिटल वर्जन (eSIM) धोखेबाज के फोन पर एक्टिवेट हो जाता है।
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एक बार जब आपका मोबाइल नंबर उनके कंट्रोल में चला जाता है, तो वो आसानी से आपके बैंक अकाउंट से जुड़े OTP (One Time Password) अपने फोन पर मंगा सकते हैं। इसके बाद UPI, नेट बैंकिंग या किसी भी दूसरे तरीके से आपका अकाउंट खाली करना उनके लिए बच्चों का खेल बन जाता है। हाल ही में मुंबई में एक व्यक्ति के साथ ऐसा ही हुआ, जहाँ उसके एटीएम और UPI ब्लॉक होने के बावजूद ठगों ने लगभग 4 लाख रुपये निकाल लिए।[1]

eSIM फ्रॉड से कैसे सुरक्षित रहें?

थोड़ी सी सावधानी आपको इस बड़े नुकसान से बचा सकती है। नीचे दी गई बातों का हमेशा ध्यान रखें:

  • अनजान कॉल्स से सावधान: किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर भरोसा न करें, खासकर अगर वो टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बनकर सिम अपग्रेड या KYC की बात करे।
  • लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति के भेजे गए लिंक, URL या QR कोड को भूलकर भी न खोलें। टेलीकॉम कंपनियां कभी भी इस तरह से सिम अपग्रेड नहीं करतीं।
  • जानकारी शेयर न करें: अपनी कोई भी पर्सनल जानकारी जैसे आधार नंबर, बैंक डिटेल या पासवर्ड किसी के साथ फोन पर शेयर न करें।
  • कंपनी से सीधा संपर्क करें: अगर आपको सिम से जुड़ी कोई भी समस्या है या आप eSIM एक्टिवेट करवाना चाहते हैं, तो हमेशा कंपनी के ऑफिशियल स्टोर या कस्टमर केयर नंबर पर ही संपर्क करें।
  • तुरंत एक्शन लें: अगर अचानक आपके फोन का नेटवर्क चला जाए, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत अपने टेलीकॉम ऑपरेटर और बैंक को सूचित करें ताकि वे आपके अकाउंट को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर सकें।
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याद रखिए, आपकी जागरूकता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है। धोखेबाज हमेशा नए-नए तरीके खोजते रहते हैं, लेकिन अगर हम सावधान रहेंगे तो उनका कोई भी तरीका काम नहीं आएगा।

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