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Join NowBest Kachori in Lucknow: अगर आप लखनऊ के असली ज़ायके को जीना चाहते हैं, तो आपको हजरतगंज की चहल-पहल भरी सड़कों पर आना ही होगा। यहीं, एन.के. रोड पर एक छोटी सी, लेकिन दशकों पुरानी दुकान है जिसका नाम है “बाजपेयी कचौड़ी भंडार”। यह कोई फैंसी रेस्टोरेंट नहीं, बल्कि लखनऊ की वो धड़कन है, जहाँ शहर का असली स्वाद बसता है। यह वो जगह है, जिसके खस्ता और कचौड़ी के दीवाने सिर्फ लखनऊ वाले ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटक भी हैं।
सुबह के 7 बजते ही इस दुकान पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगती है, और यह सिलसिला दुकान बंद होने तक जारी रहता है। यहाँ की कचौड़ी सिर्फ एक नाश्ता नहीं, बल्कि एक एहसास है—एक ऐसी परंपरा जो पीढ़ियों से चली आ रही है।
क्या है बाजपेयी की कचौड़ी में इतना ख़ास?
जब आप बाजपेयी कचौड़ी भंडार पर पहुंचते हैं, तो सबसे पहले आपका स्वागत गर्म तेल की कढ़ाई से निकलती कचौड़ियों की मनमोहक सुगंध करती है। यहाँ दो चीजें मिलती हैं जो इनकी पहचान हैं – खस्ता और कचौड़ी।
खस्ता: यह असल में एक दाल भरी, परतदार और बेहद कुरकुरी कचौड़ी होती है। जैसे ही आप इसका पहला टुकड़ा तोड़ते हैं, ‘खटाक’ की आवाज़ इसकी ताज़गी और कुरकुरेपन की गारंटी देती है। इसके अंदर भरी मूंग दाल की चटपटी पिट्ठी (स्टफिंग) होती है, जिसमें हींग और मसालों का एक अनूठा संतुलन होता है। यह बाहर से जितनी कुरकुरी होती है, अंदर से उतनी ही नरम और जायकेदार होती है।
कचौड़ी: यहाँ की छोटी, फूली हुई कचौड़ियाँ भी कुछ कम नहीं हैं। इन्हें उड़द दाल की स्टफिंग से तैयार किया जाता है, जो इन्हें एक अलग ही स्वाद देता है।
आलू की वो मसालेदार सब्ज़ी: स्वाद का असली जादू
लेकिन, बाजपेयी की इस कहानी का असली हीरो है इनकी मसालेदार आलू की सब्ज़ी। यह कोई आम आलू की सब्ज़ी नहीं है। इसे पतले, रसेदार झोल में बनाया जाता है, जो तीखा और चटपटा होता है। इस सब्ज़ी में आलू को इतना पकाया जाता है कि वो लगभग ग्रेवी में घुल जाते हैं। जब गरमा-गरम खस्ता और कचौड़ी को इस मसालेदार और तीखी आलू की सब्ज़ी में डुबोकर खाया जाता है, तो स्वाद का एक ऐसा धमाका होता है जिसे आप कभी भूल नहीं सकते। इसका तीखापन आपकी ज़बान पर चढ़ जाएगा, लेकिन आप खुद को अगला निवाला लेने से रोक नहीं पाएंगे। साथ में परोसी गई तली हुई हरी मिर्च इस अनुभव को और भी रोमांचक बना देती है।
बाजपेयी कचौड़ी भंडार सिर्फ एक दुकान नहीं, यह लखनऊ की संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। यहाँ आपको हर वर्ग का इंसान – ऑफिस जाने वाले बाबू से लेकर शहर घूमने आए टूरिस्ट तक, सब एक साथ इस लाजवाब नाश्ते का आनंद लेते हुए मिल जाएंगे। अगर आप लखनऊ में हैं, तो इस ऐतिहासिक स्वाद को चखना बिल्कुल न भूलें।