Uttar Pradesh News : गाजियाबाद में बंपर खबर! नई टाउनशिप के लिए 4 गुना रेट पर खरीदी जाएगी जमीन, इन 5 गांवों की बदलेगी किस्मत

Published On: April 17, 2025
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश विकास की नई इबारत लिख रहा है! बेहतरीन सड़कों से लेकर आधुनिक शहरों तक, प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में अब गाजियाबाद में एक विशाल और आधुनिक “हरनंदिपुरम हाउसिंग टाउनशिप” बसाने की तैयारी ज़ोरों पर है। इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और सबसे बड़ी खुशखबरी है किसानों के लिए – उन्हें उनकी जमीन का मौजूदा सर्कल रेट से चार गुना ज्यादा मुआवजा मिलेगा!

क्या है हरनंदिपुरम टाउनशिप योजना?

यह महत्वाकांक्षी परियोजना मुख्यमंत्री शहरी विस्तार/नई टाउनशिप योजना का हिस्सा है, जिसका मकसद गाजियाबाद जैसे तेजी से बढ़ते शहरों की भविष्य की जरूरतों को पूरा करना और सुनियोजित विकास को बढ़ावा देना है।

  • कहां बनेगी: दिल्ली-मेरठ रोड के पास।

  • कितनी बड़ी: कुल 521 हेक्टेयर भूमि पर।

  • कौन से गांव शामिल: कुल 8 गांवों की जमीन ली जाएगी (मथुरापुर, शमशेर, चंपत नगर, भनेरा खुर्द, नगला फिरोजपुर मोहन, शाहपुर मोर्टा, मोर्टा और भोवापुर)।

  • पहला चरण: शुरुआत में 5 गांवों (मथुरापुर, शमशेर, चंपत नगर, भनेरा खुर्द और नगला फिरोजपुर मोहन) की 336.84 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा।

किसानों के लिए बड़ी राहत: मिलेगा 4 गुना मुआवजा!

GDA और जिला प्रशासन की संयुक्त समिति ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए जमीन अधिग्रहण की दरें मौजूदा सर्कल रेट से 4 गुना ज्यादा तय की हैं। यह फैसला 18 सितंबर 2024 को जारी संशोधित सर्कल रेट्स के आधार पर लिया गया है।

पहले चरण के 5 गांवों के लिए तय दरें (प्रति वर्ग मीटर):

  • मथुरापुर: ₹24,080

  • शमशेर: ₹26,760

  • चंपत नगर: ₹24,040

  • भनेरा खुर्द: ₹4,240

  • नगला फिरोजपुर मोहन: ₹7,200

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(नोट: ये दरें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार हैं।)

किसानों की मांग और आगे की राह:

हालांकि 4 गुना मुआवजा एक बड़ा कदम है, लेकिन कुछ किसानों का कहना है कि उनके गांवों के मौजूदा सर्कल रेट, बाजार दर की तुलना में काफी कम हैं, क्योंकि ये गांव अब ग्रामीण क्षेत्र न रहकर राजनगर एक्सटेंशन और दिल्ली-मेरठ रोड जैसे विकसित इलाकों के पास आ गए हैं। उनकी मांग है कि पहले सर्कल रेट को बाजार दर के हिसाब से बढ़ाया जाए, फिर अधिग्रहण दर तय हो। इसके अलावा, किसानों ने मुआवजे के साथ-साथ विकसित टाउनशिप में भूखंड (प्लॉट) देने की भी मांग रखी है। इन मांगों पर GDA की अगली बोर्ड बैठक में विचार किया जाएगा।

परियोजना की लागत:

इस पूरी टाउनशिप परियोजना पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसमें से करीब 5,000 करोड़ रुपये सिर्फ भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे। इस लागत का बोझ GDA और राज्य सरकार मिलकर आधा-आधा उठाएंगे।

यह नई टाउनशिप न सिर्फ गाजियाबाद के विकास को नई रफ्तार देगी, बल्कि हजारों लोगों के लिए आवास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। चार गुना मुआवजे का फैसला निश्चित रूप से जमीन देने वाले किसानों के लिए एक बड़ी आर्थिक राहत लेकर आएगा।


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