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Join NowWhen scammer meets developer: आज की दुनिया में जहां सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है, वहीं ऑनलाइन धोखाधड़ी या स्कैम के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन कोई न कोई इसका शिकार होता है। लेकिन क्या हो जब दूसरों को ठगने वाला खुद ही किसी बड़े खिलाड़ी का शिकार बन जाए? आज हम एक ऐसी ही दिलचस्प घटना के बारे में बात करेंगे, जिसमें रायबरेली का एक स्कैमर जो विदेशियों को चूना लगा रहा था, खुद एक हैकर के जाल में फंस गया।
यह कहानी हमें सिखाती है कि इंटरनेट की दुनिया में कोई भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। चलिए, इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं।
https://x.com/NanoBaiter/status/1957904885313155482
कौन है गौरव त्रिवेदी और क्या थी उसकी कहानी?
यह कहानी गौरव त्रिवेदी नाम के एक युवक की है, जो उत्तर प्रदेश के रायबरेली का रहने वाला है। गौरव ने विदेशियों, खासकर अमेरिकियों को ठगने के लिए एक पूरा सेटअप बना रखा था।
- माइक्रोसॉफ्ट का नकली सपोर्ट सेंटर गौरव खुद को माइक्रोसॉफ्ट टेक सपोर्ट का कर्मचारी बताकर लोगों को ठगता था । उसने एक नकली कॉल सेंटर जैसा बना रखा था, जहाँ से वह अपनी धोखाधड़ी को अंजाम देता था।
- कैसे फंसाता था लोगों को? उसका तरीका बहुत शातिर था। वह लोगों के कंप्यूटर पर एक नकली पॉप-अप मैसेज भेजता था, जिससे कंप्यूटर स्क्रीन लॉक हो जाती थी और तेज बीप की आवाज आने लगती थी । उस मैसेज में एक हेल्पलाइन नंबर दिया होता था। जैसे ही कोई घबराकर उस नंबर पर कॉल करता, गौरव उनकी मदद करने का नाटक करता और AnyDesk या TeamViewer जैसे रिमोट एक्सेस ऐप के जरिए उनके कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लेता था । इसके बाद वह या तो उनके बैंक खाते खाली कर देता या जरूरी डेटा चुरा लेता था।
NanoBetter: हैकर जिसने हैकर को हैक किया
कहानी में ट्विस्ट तब आया जब गौरव का सामना NanoBetter नाम के एक हैकर से हुआ। NanoBetter एक एथिकल हैकर है जो भारतीय स्कैमर्स को बेनकाब करने के लिए जाना जाता है। उसके यूट्यूब पर 6.5 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं ।
- कैसे हुआ पर्दाफाश? NanoBetter ने गौरव त्रिवेदी के पूरे सिस्टम को ही हैक कर लिया। उसने गौरव के लैपटॉप के वेबकैम का एक्सेस हासिल कर लिया और उसे लाइव रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया ।
- घर बैठे स्कैमर की लाइव स्ट्रीमिंग NanoBetter ने गौरव की हरकतों को रिकॉर्ड किया – जब वह खा रहा था, सो रहा था, और यहां तक कि जब वह दूसरे लोगों के साथ स्कैम कर रहा था । हैकर ने न केवल उसकी लोकेशन पता की, बल्कि उसके घर की तस्वीरें भी ऑनलाइन पोस्ट कर दीं। अंत में, NanoBetter ने रायबरेली पुलिस को X (ट्विटर) पर टैग करते हुए गौरव के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की । इस तरह, दूसरों को फंसाने वाला खुद ही अपने जाल में फंस गया।
कैसे होते हैं आम लोग ऑनलाइन स्कैम का शिकार?
यह घटना हमें सिखाती है कि हमें कितना सावधान रहने की जरूरत है। वीडियो में कुछ आम तरीके बताए गए हैं जिनसे हैकर्स लोगों को अपना शिकार बनाते हैं:
- फ़िशिंग (Phishing): आपको ईमेल, व्हाट्सएप या मैसेज पर एक अनजान लिंक भेजा जाता है। जैसे ही आप उस पर क्लिक करते हैं, आपकी निजी जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स, हैकर तक पहुंच जाती है।
- मैलवेयर (Malware): हैकर्स आपको कोई फाइल या सॉफ्टवेयर भेजते हैं। उसे खोलते ही आपके डिवाइस का कंट्रोल उनके पास चला जाता है।
- रिमोट एक्सेस टूल्स (Remote Access Tools): जैसा गौरव के मामले में हुआ, स्कैमर्स आपको नकली सपोर्ट का झांसा देकर AnyDesk जैसे ऐप्स इंस्टॉल करवाते हैं और आपका डिवाइस कंट्रोल करने लगते हैं ।
- असुरक्षित वाई-फाई (Unsafe Wi-Fi): पब्लिक या फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल करना भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि हैकर्स ऐसे नेटवर्क के जरिए आसानी से आपके फोन में घुस सकते हैं ।
ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे बचें?
सावधानी ही बचाव है। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अपनी बैंक डिटेल्स या कोई भी निजी जानकारी किसी से फोन पर साझा न करें। अगर कोई आपको डराकर कोई ऐप इंस्टॉल करने को कहता है, तो सावधान हो जाएं और तुरंत फोन काट दें ।
गौरव त्रिवेदी की कहानी एक बड़ी चेतावनी है। यह दिखाती है कि गलत काम का नतीजा गलत ही होता है। साथ ही, यह हमें इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय हमेशा सतर्क रहने की भी सीख देती है। आपकी एक छोटी सी गलती आपकी मेहनत की कमाई और निजी जानकारी को खतरे में डाल सकती है। इसलिए, सावधान रहें, सुरक्षित रहें!