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Join Nowब्लड प्रेशर कंट्रोल: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की समस्या बेहद आम हो गई है। काम का तनाव, असंतुलित खानपान, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण लोग या तो हाई बीपी (High BP) से जूझ रहे हैं या फिर लो बीपी (Low BP) से। यदि इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी रोग जैसी गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
डॉक्टर दवाइयों के साथ-साथ सही खानपान और लाइफस्टाइल पर भी जोर देते हैं। खासकर डॉ. बिमल छाजेड़ जैसे हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रोजाना के भोजन में कुछ खास तरह की रोटियां शामिल करने से ब्लड प्रेशर को नेचुरल तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है।
आइए विस्तार से जानते हैं कौनसी हैं वो रोटियां और उनके क्या फायदे हैं।
ज्वार की रोटी – कोलेस्ट्रॉल और बीपी कंट्रोल करने में मददगार
ज्वार को सुपरफूड माना जाता है और इसकी रोटी को हेल्दी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए।
इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
यह रोटी सोडियम लेवल को बैलेंस करती है, जिससे हाई बीपी नियंत्रित रहता है।
इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम हृदय को स्वस्थ रखते हैं।
ज्वार ग्लूटेन-फ्री है, इसलिए यह पचने में आसान है और शुगर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।
नियमित रूप से ज्वार की रोटी खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।
मक्का की रोटी – हाई ब्लड प्रेशर के लिए रामबाण
उत्तर भारत और पंजाब में मक्का की रोटी काफी लोकप्रिय है। लेकिन यह सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी खजाना है।
इसमें पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जो हाई बीपी को कंट्रोल करता है।
मक्का की रोटी में मौजूद फाइबर और ऐंटीऑक्सीडेंट्स हृदय को सुरक्षित रखते हैं।
यह लंबे समय तक पेट भरा रखती है, जिससे ओवरईटिंग और मोटापा कम होता है।
इसके सेवन से ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है, जिससे हार्ट और ब्रेन की सेहत बनी रहती है।
हाई बीपी वाले मरीजों के लिए मक्का की रोटी बेहद फायदेमंद मानी जाती है।
बेसन (चना) की रोटी – ब्लड शुगर और बीपी दोनों कंट्रोल
बेसन यानी चने के आटे की रोटी भी एक बेहतरीन विकल्प है।
इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है।
यह ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकती है, इसलिए डायबिटीज और हाई बीपी दोनों में फायदेमंद है।
बेसन की रोटी पचने में हल्की होती है और वजन कंट्रोल करने में भी मदद करती है।
इसमें मौजूद मिनरल्स शरीर को ऊर्जा और ताकत देते हैं।
डॉक्टर मानते हैं कि हाई बीपी और डायबिटीज मरीजों को बेसन की रोटी हफ्ते में कम से कम 2-3 बार जरूर खानी चाहिए।
रोजाना रोटियों में बदलाव क्यों जरूरी?
हम में से ज्यादातर लोग सिर्फ गेहूं की रोटी खाते हैं, लेकिन सिर्फ एक ही अनाज पर निर्भर रहना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
अलग-अलग अनाजों की रोटियां खाने से शरीर को अलग-अलग पोषक तत्व मिलते हैं।
ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए लो-सोडियम और हाई-पोटैशियम डाइट जरूरी होती है, जो ज्वार, मक्का और बेसन की रोटियों से पूरी हो सकती है।
हर दिन एक ही अनाज खाने से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है, लेकिन रोटियों में बदलाव करने से डाइजेशन भी सही रहता है।
हाई बीपी मरीजों के लिए अतिरिक्त सुझाव
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नमक का सेवन कम करें (Low Sodium Diet अपनाएं)।
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रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।
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तैलीय और जंक फूड से दूरी बनाएं।
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पर्याप्त नींद लें और तनाव को कम करने की कोशिश करें।
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हरी सब्जियों और फलों का सेवन बढ़ाएं।
लो बीपी मरीजों के लिए सुझाव
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पानी और तरल पदार्थ ज्यादा पिएं।
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नमक की मात्रा थोड़ी बढ़ाएं (डॉक्टर की सलाह अनुसार)।
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दिन में छोटे-छोटे मील्स खाएं।
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कैफीन युक्त पेय (जैसे ग्रीन टी/कॉफी) सीमित मात्रा में ले सकते हैं।
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लंबे समय तक खाली पेट न रहें।
ब्लड प्रेशर आज के समय की सबसे आम और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। दवाओं के साथ-साथ यदि खानपान पर ध्यान दिया जाए तो इसे लंबे समय तक नियंत्रित रखा जा सकता है। ज्वार, मक्का और बेसन की रोटियां न सिर्फ स्वादिष्ट हैं बल्कि ये ब्लड प्रेशर को नेचुरली कंट्रोल करने में भी बेहद असरदार हैं। इन रोटियों को अपने डेली डाइट में शामिल करके आप हार्ट, ब्रेन और ओवरऑल हेल्थ को भी मजबूत बना सकते हैं।