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इजरायल में क्यों काम करने जा रहें भारतीय, मिल रहीं ये सुविधाएं 

 

 

डेस्क। इजरायल-हमास युद्ध के बीच उपजी दिक्कतों के बीच इजरायल में बड़ी संख्या में श्रमिकों की कमी हो गई है। फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट रद्द किए जाने के बाद इजरायल में अचानक से ही मजदूरों और स्किल्ड लेबर की मांग भी बढ़ रही है।

इजरायल-हमास युद्ध के बीच उपजी दिक्कतों के बीच इजरायल में बड़ी संख्या में श्रमिकों की कमी भी हुई है। फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट रद्द किए जाने के बाद इजरायल में अचानक से ही मजदूरों और स्किल्ड लेबर की मांग बढ़ रही है।

फिलिस्तीनियों का वर्क परमिट रद्द हुआ

इजरायल-हमास संघर्ष 100 से अधिक दिनों में प्रवेश भी कर चुका है। इजरायल का गाजापट्टी पर लगातार हमला जारी रहा है। इजरायल ने फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट को कैंसिल किया है। इससे इजरायल में मजदूरी और स्किल्ड श्रमिकों को लेकर हाहाकार भी मचा है।

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अब इजरायल, भारत सहित कुछ अन्य देशों से स्किल्ड श्रमिकों को लेकर जाना चाहता है जिससे उसके निर्माण उद्योग सक्रिय रह सकें। इन रिक्तियों को भरने के लिए वह भारत सहित अन्य कई देशों से श्रमिकों को मंगवा भी रहे है। भारत सरकार की सहमति के बाद अब इजरायल की टीम यहां पहुंचकर लेबर्स को वीजा देकर ले जा रही हैं। इसके साथ ही बीते दिनों एक 15 सदस्यीय टीम भारत पहुंची है। यह टीम रिक्रूटमेंट भी कर रही है।

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इजरायल, भारत से जा रहे श्रमिकों को निजी चिकित्सा बीमा देगा। वीज़ा और वर्क परमिट सहित अनुबंध की शर्तें न्यूनतम एक वर्ष के लिए निर्धारित करी हैं जिसे अधिकतम 63 महीने तक बढ़ाया भी जा सकता है। पीआईबीए ने आश्वासन दिया है कि किसी भी भारतीय कर्मचारी को संघर्ष क्षेत्रों के निकट या भीतर के क्षेत्रों में नहीं रखा जा सकता। सभी प्रस्तावित नौकरियाँ इज़रायली कानूनों, विनियमों और प्रक्रियाओं के अनुपालन में होंगी।

यूपी में 23 जनवरी से 31 जनवरी तक होंगी भर्ती

उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार द्वारा आयोजित भर्ती का आगामी दौर 23 से 31 जनवरी तक निर्धारित भी है। उत्तराखंड सरकार इज़राइल के निर्माण उद्योग से उत्पन्न होने वाली मांग को पूरा करने के लिए श्रमिकों को भेजने पर भी विचार भी कर रही है।

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