डेस्क। भारतीय रेलवे हर दिन अपनी सेवाओं को बेहतर करने की दिशा में आगे बढ़ रहें है। रेलवे का ऐसा प्रयास है कि यात्रियों की हर सुविधा का ध्यान रखा जाए और इसको लेकर लगातार रेलवे सजग है। आमतौर पर जब भी आप यात्रा करते हैं तो पहले से ट्रेन में टिकट बुक कराते हैं और कई बार अचानक कहीं जाना पड़ जाए तो ट्रेन में टिकट बुक होना असंभव भी हो जाता है। ऐसे में रेलवे के ऑनलाइन टिकट सिस्टम से यात्रियों की ये परेशानी भी हल होनी शुरू हो चुकी है।
डिवाइस से खाली सीट की मिलेगी जानकारी
रेलवे की हैंड हेल्ड टर्मिनल यानी एचएचटी डिवाइस से ये पता किया जा सकता है कि ट्रेन में जगह खाली है या फिर नहीं। ये परिस्थिति इस डिवाइस से साफ हो जाती है और अगर किसी कोच में या सीट पर किसी यात्री ने टिकट को कैंसिल किया है तो उस खाली सीट को अलॉट भी किया जा सकता है।
इसके लिए इस डिवाइस के जरिए टीटीई से संपर्क करने के बाद ये साफ हो जाएगा कि सीट खाली है और उसके बाद यात्री तुरंत उस सीट की बुकिंग के लिए अप्लाई कर सकता है और इसमें टीटीई को अभी ये अधिकार नहीं दिए गए हैं कि वो सीट खुद बुक कर दे, इस सिस्टम को ऑनलाइन बुकिंग के हिसाब से ही रखा भी गया है।
ऐसे काम करेगी यह डिवाइस?
अब तक रेलवे की तरफ से करीब 42300 डिवाइस अलग-अलग जोनल में टीटीई को दे दिए गए हैं और इसके अलग चार जोन जैसे पश्चिम रेलवे, दक्षिण रेलवे, दक्षिण-पूर्व रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे के साथ उत्तर रेलवे ने काफी हद तक इस डिवाइस को आम लोगों की सुविधा के लिए टीटीई को सौंपा है।
अगर रेलवे की मानें तो अभी केवल 4 जोन में इस डिवाइस से ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था शुरू किया गई है, पर 2024 तक सेंट्रल रेलवे, नॉर्थन रेलवे भी पूर्णतया इस डिवाइस को यात्रियों की सुविधा के लिए टीटीई को देंगे भी।
असल में अगर इस डिवाइस के काम करने की प्रवृत्ति को समझें तो ये डिवाइस सीधे रेलवे के सर्वर से कनेक्ट होती है और बर्थ और खाली सीट की जानकारी आसानी से मिल जाती है फिर इसके बाद यात्री अगले स्टेशन से सीट बुक करा सकता है।