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मालदीव इंडिया विवाद के बीच इस कंपनी का हुआ प्रॉफिट, ऐसा क्या किया

 

डेस्कमालदीव इंडिया विवाद:  भारत और मालदीव के बीच चल रहे राजनीतिक विवाद का असर कुछ भारतीय कंपनियों के कारोबार पर साफ दिखाई दिया है। कई कंपनियों ने मालदीव से संबंधित अपने कारोबार को निलंबित तक कर दिया है या निलंबित करने की घोषणा की है। वहीं एक कंपनी ऐसी भी है जिसे दो दिन में विवाद का भरपूर फायदा मिला है। इस कंपनी ने कल और आज मिलाकर अब तक निवेशकों को 35 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं इतना ही नहीं, शेयर ने आज अपना ऑल टाइम हाई लेवल आंकड़ा भी छू लिया है।

यह कौन सी कंपनी है और इसके शेयर आखिर क्यों बढ़े?

इस कंपनी का नाम प्रवेग है और इसने अपने निवेशकों को दो दिन में मालामाल कर दिया है। बता दें प्रवेग को भारत और मालदीव के बीच राजनीतिक विवाद का फायदा मिल रहा है और ‘चलो लक्षद्वीप’ जैसे अभियान को लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है। दरअसल प्रवेग एक लग्जरी रिजॉर्ट कंपनी है और यह अहमदाबाद स्थित स्मॉल कैप फर्म है। यह कंपनी लक्षद्वीप में टेंट सिटी बना रही है और लक्षद्वीप में कारोबार करने वाली कुछ कंपनियों में से एक है। लगातार चल रहे विवाद के बाद लोगों का ध्यान इस कंपनी की तरफ ज्यादा गया है.

आज शेयर एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया

आज के कारोबार के दौरान प्रवेग एक साल के उच्चतम स्तर (52 सप्ताह का उच्चतम स्तर) को छूकर 1187.95 रुपये पर पहुंच गया है। इस समय भी शेयर में जोरदार तेजी है और 153.55 रुपये यानी 15.11 फीसदी की भारी बढ़त के बाद यह 1169.50 रुपये की हो गई है। आज प्रवेग के शेयर 1187.95 रुपये पर खुले, वहीं सोमवार को यह 1149.95 रुपये पर बंद हुए थे।

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EaseMyTrip समेत कुछ कंपनियों ने या तो मालदीव के साथ कारोबार पर अस्थायी ब्रेक लगा दिया है या कुछ ने कारोबार बंद करने का फैसला भी ले लिया है। इसमें इंश्योरेंस देखो जैसी कंपनियां भी हैं। यह विवाद मालदीव सरकार के तीन उपमंत्रियों द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ करी गई ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के बाद हुआ और मामला बढ़ने के बाद से भारत में मालदीव का जमकर बहिष्कार भी किया है।

Praveg share price: तेजी से बढ़ रहे प्रवेग के शेयर्स

 भले ही मालदीव सरकार ने कथित तौर पर अपने तीन उपमंत्रियों को निलंबित कर दिया है, पर भारत में लोग इस मामले को जल्द ही छोड़ने के मूड में भी नहीं हैं। नतीजतन, कंपनियां और यात्री इस द्वीप देश का बहिष्कार कर रहे हैं और भारत के ही द्वीप लक्षद्वीप को अपनाने पर जोर दिया जा रहा हैं।

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