देश - विदेश

भारत में बढ़कर इतने हो गए ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के आकड़े 

 

डेस्क। वित्तीय वर्ष (Financial Year) 2022-23 में 30-शेयर सूचकांक पर दर्ज किए गए सभी यौन उत्पीड़न के मामलों में 11 सेंसेक्स-सूचीबद्ध सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और बैंकिंग कंपनियों का योगदान 83 फीसदी का रहा।

द इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर की माने तो वार्षिक रिपोर्टों से संकलित आंकड़ों के अनुसार, ऐसे मामलों में सेंसेक्स कंपनियों में महामारी से पहले के आंकड़े की तुलना में समग्र वृद्धि भी देखी गई है। वित्त वर्ष 2020 में 627 से वित्त वर्ष 23 में 711 तक, 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

Congress leader Milind Deora: मिलिंद देवड़ा बोले 55 साल पुराना रिश्ता खत्म 

 2011 और वित्त वर्ष 2012 में मामलों में क्रमशः 398 और 476 मामलों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई थी। विशेषज्ञों ने कहा कि जागरूकता की कमी और अधूरी कंपनी नीतियां ऑनलाइन यौन उत्पीड़न की घटनाओं को पकड़ने में विफल साबित हो सकती हैं।

पाकिस्तानी सेना के जवानों पर आतंकवादियों का हमला 

दूरसंचार प्रमुख भारती एयरटेल में, पिछले पांच वित्तीय वर्षों में दर्ज किए गए यौन उत्पीड़न के 69 मामलों में से, कम से कम 27 में आरोपी कर्मियों को बर्खास्त भी किया गया। ऐसे मामलों में की गई कार्रवाई का खुलासा करके, प्राप्त और हल किए गए मामलों के अनिवार्य खुलासे के अलावा, एयरटेल सेंसेक्स कंपनियों के बीच स्पष्ट रूप से पिछड़ भी गया था।

विशेषज्ञों ने यह बताया था कि महामारी के वर्षों के दौरान रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या कम होने की संभावना बनी हुई है क्योंकि कर्मचारियों को इस बात की जानकारी भी नहीं होगी कि ऑनलाइन सेटिंग्स में यौन उत्पीड़न कैसे हो सकता है।

Makar Sankranti 2024: राम जी ने भी इस दिन उड़ाई थी पतंग 

 “कोविड-19 के दौरान, हमने ऑनलाइन उत्पीड़न में भारी वृद्धि देखी। महिलाओं को घर पर अपने वीडियो चालू करने के लिए मजबूर किया जा रहा था और ‘क्या आप अभी नहाकर बाहर आई हैं?’ या ‘आपके बाल अभी भी गीले हैं, बहुत अच्छे लग रहे हैं’ जैसी टिप्पणियां करी जा रहीं थीं,” अंजू कपूर, राष्ट्रीय अध्यक्ष बोलीं।

Related Posts

1 of 664