डेस्क। सनातन परंपरा में भारत को पवित्र भूमि बताया जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक भगवान ने कई अवतारों ने इसी भूमि पर जन्म लिया। यहां भगवान के विभिन्न रूपों के हजारों भव्य मंदिर बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम का अब एक और भव्य मंदिर बनने वाला है। अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम के लिए अयोध्या पहुंचने वाले हैं। वैसे तो दुनिया के कई देशों में भगवान राम के मंदिर हैं, पर क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में भी एक राम मंदिर है।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के करीब सैयदपुर में भगवान राम का एक मंदिर बना हुआ है। इस्लामाबाद की कायदे आजम यूनिवर्सिटी के आर्कियोलॉजी विभाग के अनुसार, बंटवारे के बाद सभी मंदिरों की देखरेख थम चुकी है। फिर 1950 के लियाकत-नेहरू समझौते में ऐसी पवित्र जगहों को शरणार्थी संपत्ति ट्रस्ट को सौंपा भी जाना था। लेकिन, सैयदपुर गांव और वहां का राम मंदिर परिसर आज भी इस्लामाबाद के कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधीन हो गया हैं। रावलपिंडी गजेटियर की माने तो, सैयदपुर गांव 1848 में बस चुका था।
किसने बनवाया था सैयदपुर में राम का मंदिर
गजेटियर के अनुसार, सैयदपुर गांव में राम मंदिर, गुरुद्वारा और एक धर्मशाला भी थे। इस गांव में करीब 8,000 श्रद्धालु हर साल पहुंचते थे और बंटवारे के बाद ज्यादातर हिंदू भारत चले गए।
इसके बाद सैयदपुर गांव और राम मंदिर परिसर को शत्रु संपत्ति बताकर सील भी कर दिया गया था। आपको ये बता दें कि इस्लामाबाद में करीब 300 हिंदू घर हैं वहीं ये कहा जाता है कि 1580 में सैयदपुर का राम मंदिर राजा मानसिंह ने बनवाया था। गांव के आसपास प्रागैतिहासिक काल की गुफाएं भी मिली हैं और गांव में भगवान राम और लक्ष्मण के नाम पर कुंड भी हुआ करते थे। जिसका गांव वाले इस्तेमाल करते थे।
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सैयदपुर का राम मंदिर राजा मानसिंह के समय 16वीं शताब्दी में बनवाया था।
इस्लामाबाद की कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 2008 में सैयदपुर को ‘धरोहर गांव’ मानते हुए इसका पुनर्निर्माण शुरू किया। सैयदपुर गांव मर्गल्लाह की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। पुनर्निर्माण के दौरान राम मंदिर परिसर की भी रंगाई-पुताई करी गई, पर मंदिर से मूर्तियां उठा ली गईं थी। मूर्तियों से खाली इस मंदिर का दरवाजा हमेशा खुला रहता है, लेकिन हिंदुओं के पूजा करने पर पाबंदी लगी हुई है। बीच-बीच में पाकिस्तान की सरकार इस राम मंदिर को फिर से तैयार हिंदुओं को सौंपने का वादा करती हैं, लेकिन अब तक ऐसा हो नहीं सका है।
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राम मंदिर परिसर को बनवाया गया स्कूल
सैयदपुर गांव अब विरासत स्थल में तब्दील हो गई है। इसका लिहाज ये है कि राम मंदिर में हिंदुओं को पूजा की अनुमति नहीं होती। कभी-कभी लोग मंदिर में पूजा करने की मांग करते हैं, तो उन्हें रोक भी दिया जाता है। इस राम मंदिर परिसर को 1960 में गर्ल्स स्कूल में भी बदल दिया गया था। साथ ही हिंदू समुदाय के लंबे समय तक विरोध जताने के बाद स्कूल को दूसरी जगह स्थानांतरित भी कर दिया गया है। मंदिर परिसर को 2006 में खाली कर दिया गया पर फिर भी हिंदुओं को पूजा करने की छूट नहीं दी गई।