देश - विदेश

अब मधुमक्खियां बनेंगी भारत की रक्षक 

 

डेस्क। भारत की सीमा में किसी भी तरह की घुसपैठ करने वाले का अब मधुमक्खियों से भी सामना होगा। सीमा सुरक्षा बल यानी BSF ने इसके लिए एक बड़ी योजना तैयार की है। भारत-बांग्लादेश सीमा के कुछ हिस्सों पर इसका काम भी शुरू किया गया है।

बॉर्डर के कंटीले तारों पर मधुमक्खी पालन किया जा रहा है और फिलहाल यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू भी की गई है। वहीं अगर इसमें सफलता मिलती है तो इसे बड़े पैमाने पर करा जाएगा।

भारत में बांग्लादेश से घुसपैठ होना काफी आम बात है। अक्सर बॉर्डर पर ऐसे लोग पकड़े जाते हैं और यहां बॉर्डर पर नजर रखने की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल के पास है। यहां तैनात जवान अक्सर बिना वैध दस्तावेजों के भारत में आने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में भी लेती है। अब बीएसएफ ने ऐसी तैयारी की है जिससे घुसपैठ हो ही न सकें। यदि कोई कंटीले तार पार करने की कोशिश करता भी है तो मधुमक्खियां इस कोशिश को कामयाब नहीं होने देंगी।

मधुमक्खियों के छत्ते लगा रहे बीएसएफ

भारत और बांग्लादेश के बीच 4.96 किमी लंबी सीमा है और यहां कंटीले तार लगे हुए हैं। अब सीमा सुरक्षा बल के जवान इन्हीं कंटीले तारों पर मधुमक्खी के छत्ते लगा रहे हैं। और यह बताया जाता है कि केंद्र सरकार की पहल पर बीएसएफ ने इस योजना पर काम भी शुरू किया गया है। फिलहाल छपरा, बानपुर, कादीपुर और अंचास की सीमा के कुछ स्थानों पर मधु मक्खी के छत्ते लगाए गए हैं।

Countries of World more Hindu Population: दुनिया के इन देशों में रहते हैं इतने हिंदू 

वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का हिस्सा

मधुमक्खियों को पालने का काम वाइब्रेंड विलेज की तर्ज पर हो रहा है। केंद्रीय सरकार की इस योजना के तहत भारत और बांग्लादेश सीमा को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना भी गया है, ताकि ये साफ देखा जा सके कि क्या मधुमक्खियों के छत्ते से घुसपैठ की कोशिशें कम होगीं। यह बताया जाता रहा है कि बीएसएफ ने कृष्णागंज इलाके के समीप 20 मधुमक्खी बॉक्स लगाये हैं। यहां इन बॉक्सों की देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय लोग उठाएंगे और शहद इकट्ठा करने की जिम्मेदारी भी उनकी ही होगी। इससे उन्हें आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

जानिए मधुमक्खियों का पालन कैसे होगा

भारत-बांग्लादेश सीमा पर 200 बॉक्स लगाने का लक्ष्य है और इसके लिए सीमा पर कंटीरे तारों की बाड़ में मधुमक्खी की पसंद के कुछ फूल वाले पौधे भी लगाए जाने हैं। यहीं पर मधुमक्खी पालन का बॉक्स भी रखा जाएगा। इस बॉक्स को ढककर इस तरह तैयार किया जाएगा ताकि मधुमक्खियों को ये पूरी तरह से नेचुरल लगे।

जानिए कैसे रुकेगी घुसपैठ

मधुमक्खियों के बॉक्स सीमा पर रखे जाएंगे। वहीं इससे सीमा पर किसी भी तरह की घुसपैठ संबंधी गतिविधि होने पर ये मधुमक्खियां संबंधित व्यक्ति पर हमला कर देंगी। दक्षिण बंगाल सीमा के बीएसएफ जनसंपर्क अधिकारी डीआइजी ने बताया है कि कंटीले तारों के पास आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए मधुमक्खी बड़ा खतरा बन जाएंगी। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम किया जा रहा है और प्रयोग सफल रहा तो आने वाले दिनों में अन्य स्थानों पर भी ये बक्से लगाए जाएंगे।

Related Posts

1 of 664