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Join NowAkhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है, और इस बार वजह है ‘चने’—जी हाँ, वो भुने हुए चने जो आम आदमी की सेहत का साथी माने जाते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के गृह जनपद गोरखपुर में यही चने अब ‘जहर’ बनकर बिक रहे हैं। इस खुलासे के बाद समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने योगी सरकार पर तीखा और करारा हमला बोला है।
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अखिलेश का ‘बुलडोजर’ वाला तंज: क्या सरकार सो रही है?
अक्सर माफियाओं पर चलने वाला योगी सरकार का ‘बुलडोजर’ इस मामले में क्यों शांत है? यह सवाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर उठाया है। गोरखपुर में भारी मात्रा में खतरनाक केमिकल (Dangerous Chemicals) युक्त भुने चने बरामद होने के बाद, अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (Twitter) पर सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए लिखा, “मुख्यनगरी में मिलावटवाले… लगता है आपसी ‘मिलाव-मिलाप’ से ही हो रही है ये मिलावट। बुलडोज़र के तेल-पानी का इंतज़ाम अब क्या विपक्ष करेगा? कुछ तो है जिसमें हिस्सेदारी है।”
इस बयान के सियासी मायने बहुत गहरे हैं। ‘मुख्यनगरी’ कहकर उन्होंने सीएम के शहर को निशाने पर लिया है, और ‘हिस्सेदारी’ शब्द का इस्तेमाल करके उन्होंने सीधे तौर पर प्रशासन और मिलावटखोरों के बीच मिलीभगत (Corruption and Collusion) का आरोप लगाया है।
गोरखपुर में ‘मौत की सप्लाई’: क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब खाद्य एवं औषधि विभाग (Food and Drug Department) ने गोरखपुर के राजघाट इलाके में एक बड़ी छापेमारी की। खबर मिली थी कि गोदामों में ऐसा चना उतारा गया है जो दिखने में बेहद चमकदार है, लेकिन असल में वह सेहत के लिए काल है।
छापेमारी के दौरान टीम ने पाया कि चनों को सुंदर और पीला दिखाने के लिए बेहद खतरनाक सिंथेटिक रंगों और केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा था। गोदाम से लगभग 750 बोरी मिलावट वाला चना जब्त किया गया।
सेहत पर ‘केमिकल अटैक’ (Health Risk Alert)
जांच में सामने आया है कि इन चनों पर जिस केमिकल की कोटिंग की गई थी, वह धीमे जहर की तरह है।
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किडनी और लीवर डैमेज: डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा मिलावटी खाना खाने से इंसान की किडनी फेल (Kidney Failure) हो सकती है और लीवर हमेशा के लिए डैमेज हो सकता है।
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मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ कनेक्शन: यह जहरीली खेप मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से गोरखपुर लाई जा रही थी, जिसे बाद में पूर्वांचल के अलग-अलग बाजारों में सप्लाई किया जाना था।
विपक्ष का सवाल: बुलडोजर सिर्फ विरोधियों के लिए है क्या?
समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को जनता की सुरक्षा से जोड़ते हुए एक बड़ा सियासी मुद्दा बना दिया है। अखिलेश यादव का सवाल जायज है कि जब सरकार अपराध पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, तो खाद्य पदार्थों में मिलावट (Food Adulteration) करने वालों के घरों और गोदामों पर बुलडोजर क्यों नहीं गरज रहा? क्या प्रशासन मिलावटखोरों को बचाने की कोशिश कर रहा है?
खाद्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से इन चनों की बिक्री पर रोक लगा दी है, लेकिन सवाल यह है कि जो चने पहले ही बाजार में बिक चुके हैं, उनका जिम्मेदार कौन होगा? जब टीम ने चनों की जांच की, तो पानी में डालते ही उन्होंने अपना रंग छोड़ना शुरू कर दिया, जो यह साबित करता है कि जनता को ‘प्रोटीन’ के नाम पर ‘जहर’ परोसा जा रहा था।
जनता सावधान रहे:
बाजार में मिलने वाले अत्यधिक चमकदार पीले चने खरीदने से बचें। खरीदने से पहले उन्हें पानी में डालकर देखें, अगर रंग निकलता है, तो समझ जाइये कि यह केमिकल है। यह मामला सिर्फ राजनीति का नहीं, आपकी और आपके परिवार की जान का है।
फिलहाल, गोरखपुर में हुई इस छापेमारी के बाद व्यापारियों में हड़कंप है और अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या सीएम योगी अपने शहर में हो रही इस मिलावटखोरी पर कोई सख्त एक्शन लेंगे, या अखिलेश यादव का यह तंज सही साबित होगा?










