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Join NowCM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश की राजनीति में वोटर लिस्ट की पारदर्शिता हमेशा से एक अहम मुद्दा रही है। इसी कड़ी में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने आजमगढ़ मंडल में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है जिसने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी ने ‘लापता मतदाताओं’ (Missing Voters) की भारी संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
आजमगढ़ के कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ हुई एक हाई-प्रोफाइल बैठक में सीएम ने साफ कर दिया कि लोकतंत्र में एक भी असली वोटर का नाम लिस्ट से गायब नहीं होना चाहिए। यह मामला इतना गंभीर था कि सीएम खुद हर विधानसभा का डाटा लेकर बैठक में पहुंचे थे।
वोटर लिस्ट से हजारों नाम गायब, सीएम ने पूछे तीखे सवाल
बैठक के दौरान माहौल तब गरमा गया जब मुख्यमंत्री ने ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के आंकड़े रखे। सीएम ने पाया कि आजमगढ़ की कई विधानसभा सीटों पर संदेहास्पद रूप से बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम नदारद हैं।
योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर
सुभासपा (SBSP) के अध्यक्ष अरविंद राजभर ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि की। राजभर ने बताया कि, “मुख्यमंत्री जी के पास हर विधानसभा की विस्तृत रिपोर्ट थी। उन्होंने विशेष रूप से चिंता जताई कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में मतदाता ‘लापता’ कैसे हो सकते हैं? क्या वे वास्तव में वहां नहीं हैं, या फिर किसी गलती के कारण उनके नाम हट गए हैं?”
यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि आगामी चुनावों में एक-एक वोट की कीमत बहुत ज्यादा होने वाली है। ऐसे में ‘मिसिंग वोटर्स’ का आंकड़ा नतीजों को पलट सकता है।
अब घर-घर जाकर होगी असली और नकली की पहचान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ चिंता नहीं जताई, बल्कि तत्काल प्रभाव से एक बड़ा ‘एक्शन प्लान’ भी तैयार कर दिया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अब हवा-हवाई बातें नहीं चलेंगी।
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असली मतदाताओं की खोज: सीएम ने कहा कि कार्यकर्ता जमीन स्तर पर (Ground Level) उतरें। घर-घर जाकर चेक करें कि जिन लोगों के नाम लिस्ट में नहीं हैं, क्या वे अभी भी वहां रहते हैं। अगर हां, तो उनका नाम तुरंत जोड़ा जाए।
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मृतकों और फर्जी वोटरों की सफाई: लोकतंत्र की मजबूती के लिए वोटर लिस्ट का शुद्ध होना जरूरी है। सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है या जो फर्जी तरीके से लिस्ट में शामिल हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए। ‘मुर्दे वोट नहीं डालने चाहिए’ – यह संदेश साफ था।
विधायक केतकी सिंह और मंत्री ए.के. शर्मा की मौजूदगी में बनी रणनीति
इस महत्वपूर्ण बैठक में ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा और बांसडीह की विधायक केतकी सिंह भी मौजूद थीं। केतकी सिंह ने बताया कि सीएम का फोकस सिर्फ विकास कार्यों पर नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर भी था।
उन्होंने कहा, “सीएम योगी ने स्पष्ट किया है कि एक हफ्ते या एक महीने की मेहनत से काम नहीं चलेगा। कार्यकर्ताओं को लगातार जनता के संपर्क में रहना होगा। जो लोग काम के सिलसिले में जिले से बाहर गए हैं (प्रवासी), लेकिन वहां के मूल निवासी हैं, उनका नाम भी वोटर लिस्ट में सुरक्षित रहना चाहिए।”
जनता से जुड़ने का ‘योगी मंत्र’
अक्सर देखा जाता है कि लोग वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान को गंभीरता से नहीं लेते और चुनाव के दिन पछताते हैं। इस समस्या को सुलझाने के लिए सीएम योगी ने एक नया फार्मूला दिया है – ‘सतत संवाद और फीडबैक’।
सीएम ने कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया कि जनप्रतिनिधियों का जमीनी अनुभव (Ground Reality) ही सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में सुधार के महत्व को जनता तक सरल भाषा में पहुंचाएं। यह सिर्फ एक सरकारी काम नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है।
यूपी में बदलेगी चुनावी तैयारी की तस्वीर
आजमगढ़ में सीएम योगी की यह बैठक सिर्फ एक समीक्षा नहीं थी, बल्कि यह संदेश था कि यूपी सरकार अब वोटर लिस्ट में एक भी गलती बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। अपात्रों को हटाना और पात्रों को जोड़ना—इस दोधारी तलवार पर चलकर ही लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है। अगर आप भी यूपी के मतदाता हैं, तो सीएम की अपील को मानें और तुरंत चेक करें कि आपका नाम लिस्ट में है या नहीं। कहीं आप भी उन ‘लापता मतदाताओं’ की लिस्ट में तो नहीं हैं?














