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Join NowDMRC new project: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में परिवहन के बुनियादी ढांचे को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने एक महत्वाकांक्षी योजना का प्रस्ताव रखा है। यह योजना गुरुग्राम और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकती है। DMRC ने द्वारका सेक्टर-25 स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर को सीधे गुरुग्राम के व्यस्ततम इफ्को चौक मेट्रो स्टेशन से जोड़ने की एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की है, जिससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या से भी भारी राहत मिलेगी।
11 किलोमीटर का क्रांतिकारी कॉरिडोर: क्या है पूरा प्रोजेक्ट?
DMRC द्वारा प्रस्तावित यह नई मेट्रो लाइन लगभग 11 किलोमीटर लंबी होगी, जो दिल्ली और हरियाणा के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक के रूप में काम करेगी। इस योजना को मंजूरी के लिए हरियाणा सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, ताकि इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर काम शुरू किया जा सके।
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प्रस्तावित रूट: यह मेट्रो लाइन यशोभूमि से शुरू होगी और भरथल, बिजवासन, कार्टरपुरी जैसे महत्वपूर्ण इलाकों से गुजरेगी। इसके बाद, यह सेक्टर-23 स्थित ताऊ देवीलाल पार्क के सामने से होते हुए दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित इफ्को चौक पर समाप्त होगी।
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इंटरचेंज की सुविधा: इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि इसे ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के साथ एकीकृत किया जाएगा। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (GMRL) द्वारा प्रस्तावित ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के सेक्टर-23 स्टेशन पर एक इंटरचेंज स्टेशन बनाने की योजना है। यह इंटरचेंज स्टेशन यात्रियों को कई लाइनों के बीच स्विच करने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे उनकी यात्रा और भी आसान हो जाएगी।
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लागत और स्टेशनों का विवरण: अभी तक इस प्रोजेक्ट पर आने वाली कुल लागत और स्टेशनों की संख्या का खुलासा नहीं हुआ है। DPR तैयार होने के बाद ही इन सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता आएगी।
इस नई मेट्रो लाइन से किसे और कैसे मिलेगा फायदा?
यह मेट्रो लाइन दिल्ली-एनसीआर के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
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औद्योगिक और आईटी हब तक सीधी पहुंच: दिल्ली की ओर से आने वाले यात्री अब उद्योग विहार, डीएलएफ साइबर सिटी, हीरो होंडा चौक, और सेक्टर-44 जैसे प्रमुख औद्योगिक और आईटी हब तक बिना किसी परेशानी के पहुंच सकेंगे। इससे इन क्षेत्रों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
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एयरपोर्ट लाइन से बेहतर कनेक्टिविटी: गुरुग्राम के निवासियों के लिए दिल्ली की प्रतिष्ठित एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। इससे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्रियों को अभूतपूर्व सुविधा मिलेगी।
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ब्लू लाइन से जुड़ाव: द्वारका सेक्टर-21 के माध्यम से दिल्ली मेट्रो की व्यस्त ब्लू लाइन तक आवागमन सुगम हो जाएगा, जिससे पश्चिमी दिल्ली और नोएडा के बीच की दूरी कम हो जाएगी।
चुनौतियां और भविष्य की राह
हालांकि यह प्रस्ताव बेहद आकर्षक है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियां भी हैं।
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हरियाणा सरकार की मंजूरी: फिलहाल, इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हरियाणा सरकार से हरी झंडी का इंतजार है। मुख्य सचिव निर्माण, श्री अनुराग रस्तोगी, जल्द ही ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के निर्माण की समीक्षा करेंगे और इसमें आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
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अन्य परियोजनाओं के साथ समन्वय: साइबर सिटी मेट्रो स्टेशन के पास नमो भारत ट्रेन स्टेशन के प्रस्ताव को लेकर भी कुछ विवाद हैं, जिन्हें सुलझाना आवश्यक है। इसके अलावा, जमीन अधिग्रहण और मलबा निस्तारण जैसे मुद्दों पर भी काम करना होगा।
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लंबित डीपीआर: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा सरकार द्वारा पहले प्रस्तावित रेजांगला चौक से द्वारका सेक्टर-21 को जोड़ने वाली एक अन्य मेट्रो लाइन की DPR नवंबर 2022 से केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय में लंबित है। उस परियोजना में भूमि आवंटन से संबंधित कुछ मुद्दे भी सामने आए हैं।
एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ता कदम
इन चुनौतियों के बावजूद, ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो पर काम शुरू हो चुका है, और पाइलिंग टेस्टिंग जैसी प्रारंभिक प्रक्रियाएं गति पकड़ रही हैं। यह नई प्रस्तावित लाइन यदि धरातल पर उतरती है, तो यह न केवल दिल्ली और गुरुग्राम के बीच की भौगोलिक दूरी को कम करेगी, बल्कि इस क्षेत्र के समग्र विकास को एक नई दिशा देगी। यह परियोजना एनसीआर को एक विश्वस्तरीय शहरी क्षेत्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।