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Join NowCredit Score: क्या आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) 620 के आसपास है? अगर हाँ, तो जान लीजिए कि यह बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों (Banks & Financial Institutions) की नज़र में ‘लो स्कोर’ (Low Score) की श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि आपको लोन लेने में दिक्कत (Difficulty in Getting Loans) आ सकती है, बैंक उच्च ब्याज दरें (Higher Interest Rates) लगा सकते हैं, लोन प्रक्रिया में देरी (Loan Processing Delays) हो सकती है, या कई बार तो लोन आवेदन (Loan Application) खारिज (Rejected) भी हो सकता है। क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय सेहत (Financial Health) का एक महत्वपूर्ण पैमाना है, जो 300 से 900 के बीच (Score Range 300-900) होता है, और 750 या उससे अधिक का स्कोर अच्छा (Good Score Above 750) माना जाता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर (Good CIBIL Score) होना आपको क्रेडिट कार्ड और लोन प्राप्त करने (Accessing Loans & Credit Cards) में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लेकिन घबराने की कोई बात नहीं! एक्सपर्ट्स (Experts) के अनुसार, कम क्रेडिट स्कोर (Low Credit Score) हमेशा के लिए नहीं होता। कुछ आसान और छोटे बदलावों (Simple Changes) से आप अपने क्रेडिट स्कोर (Credit Score Improvement) को बेहतर (Improve) बना सकते हैं और फेयर रेंज (Fair Credit Range) यानि 650-700 के बीच (Between 650-700) ला सकते हैं। यह स्कोर आपको कम ब्याज दरों पर सस्ते लोन (Cheaper Loans at Lower Interest Rates), बेहतर क्रेडिट कार्ड, और आकर्षक ऋण ऑफ़र (Attractive Loan Offers) प्राप्त करने में मदद करेगा, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत (Stronger Financial Position) होगी।
RBI का नया नियम: 15 दिन में अपडेट होगा CIBIL स्कोर! (RBI’s New Rule: CIBIL Score Update Every 15 Days!)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट स्कोर (Credit Score) के अपडेट को लेकर 1 जनवरी 2025 से एक नया और महत्वपूर्ण नियम (New Important Rule) लागू किया है। इसके तहत, अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों (Banks & Financial Institutions) को ग्राहकों का डेटा अधिक तेजी से अपडेट (Faster Data Update) करने का निर्देश दिया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि आपका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) अब हर 15 दिन में अपडेट (Updated Every 15 Days) होगा, यानी महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में (15th and End of Month)। यह आपकी वित्तीय स्थिति (Financial Situation) का अधिक सटीक और नवीनतम विवरण (Accurate and Latest Details) प्रदान करेगा, जो क्रेडिट संस्थानों (Credit Institutions) को आपकी साख का सटीक और नवीनतम मूल्यांकन (Accurate and Latest Assessment of Creditworthiness) करने में मदद करेगा। यह क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम (Credit Reporting System) में एक बड़ा बदलाव है।
बार-बार CIBIL स्कोर चेक करने का क्या असर होता है? हार्ड इंक्वायरी को समझें! (Impact of Frequent CIBIL Score Checks: Understanding Hard Inquiry!)
आम तौर पर, जब आप खुद अपना CIBIL स्कोर (Self CIBIL Score Check) जांचते हैं, तो उसे “सॉफ्ट इंक्वायरी” (Soft Inquiry) कहते हैं। अच्छी बात यह है कि सॉफ्ट इंक्वायरी आपके स्कोर को प्रभावित नहीं करती (Soft Inquiry Does Not Affect Score)। लेकिन, जब कोई बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (Bank or Financial Institution) आपके लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन (Loan or Credit Card Application) के समय आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) चेक करता है, तो उसे “हार्ड इंक्वायरी” (Hard Inquiry) कहते हैं। हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiry Impact) आपके CIBIL स्कोर (CIBIL Score) को कुछ पॉइंट्स से कम कर सकती है, खासकर अगर कम समय में कई बार ऐसा हो। RBI के नए नियमों (New RBI Rules) के तहत, बार-बार हार्ड इंक्वायरी (Frequent Hard Inquiries) का असर अब पहले से ज्यादा बढ़ सकता है, इसलिए अनावश्यक आवेदनों से बचें (Avoid Unnecessary Applications)।
क्रेडिट स्कोर क्यों गिरता है? जानिए मुख्य वजहें! (Why Does Credit Score Drop? Know the Main Reasons!)
यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्रेडिट स्कोर (Credit Score Factors) गिरने की मुख्य वजह तो समय पर लोन रीपेमेंट (Timely Loan Repayment) न करना है, लेकिन इसके अलावा भी कई फैक्टर (Factors) आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित (Affecting Credit Score) करते हैं:
- क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो का गड़बड़ाना (High Credit Utilization Ratio): अपने क्रेडिट लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल (High Usage of Credit Limit) करना आपके स्कोर के लिए हानिकारक है। कोशिश करें कि इसे 30% से कम (Below 30%) रखें।
- कम समय में कई लोन के लिए अप्लाई करना (Multiple Loan Applications in Short Span): यह आपके स्कोर पर हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiries) बढ़ाता है और इसे घटा सकता है।
- लोन सेटलमेंट (Loan Settlement): लोन सेटल (Settled Loan) करने पर भी रिपोर्ट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- किसी डिफॉल्टर का गारंटर बनना (Becoming Guarantor for Defaulters): यदि आपका लोन डिफॉल्टर (Loan Defaulter) समय पर भुगतान नहीं करता, तो आपके स्कोर पर भी असर पड़ेगा।
- क्रेडिट कार्ड पेमेंट लेट करना (Late Credit Card Payments): यह सबसे बड़ा कारण है, इससे सिबिल स्कोर (CIBIL Score) बहुत गिरता है।
- पुराने क्रेडिट अकाउंट बंद करना (Closing Old Credit Accounts): एक लंबा क्रेडिट इतिहास (Long Credit History) आपके स्कोर को मजबूत बनाता है। उन्हें बंद करने से बचें।
- क्रेडिट रिपोर्ट चेक न करना (Not Checking Credit Report): गलतियां (Errors) हो सकती हैं जिन्हें ठीक करवाना ज़रूरी है।
अपना CIBIL स्कोर कैसे सुधारें? एक्सपर्ट के अचूक उपाय! (How to Improve CIBIL Score? Expert Tips!)
अपने सिबिल स्कोर को गिरने से बचाने (Prevent CIBIL Score Decline) और उसे बेहतर बनाने (Improve Your Score) के लिए ये तरीके अपनाएं:
- बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें (Avoid Frequent Applications): हर आवेदन आपके स्कोर पर हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiry) के रूप में दर्ज होता है, इसलिए जरूरत पड़ने पर ही अप्लाई करें।
- अपने सिबिल स्कोर की निगरानी करें (Monitor Your CIBIL Score): इसकी आधिकारिक वेबसाइट या RBI द्वारा मान्यता प्राप्त क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureaus) का ही इस्तेमाल करें।
- क्रेडिट हिस्ट्री सुधारें (Improve Credit History): समय पर लोन (Timely Loan Payments) और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान (Credit Card Bill Payments) करके आप सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं (Improve Your CIBIL Score)। इसके लिए ऑटो-डेबिट (Auto-Debit Facility) का विकल्प चुनें।
- क्रेडिट लिमिट का कम उपयोग (Utilize Credit Limit Sparingly): अपनी क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) को कम रखें।
- मिक्स क्रेडिट (Mix Credit): अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो (Credit Portfolio) में सिक्योर और अनसिक्योर लोन (Secured & Unsecured Loans) का संतुलित मिश्रण रखें, जैसे होम लोन और क्रेडिट कार्ड का अच्छा उपयोग।
- पुराने अकाउंट्स खुले रखें (Keep Old Accounts Open): यह आपके क्रेडिट इतिहास की लंबाई (Length of Credit History) को बढ़ाता है, जो स्कोर के लिए अच्छा है।
इन तरीकों को अपनाकर आप कुछ ही महीनों में अपना क्रेडिट स्कोर 650-700 की ‘फेयर’ रेंज (Fair Credit Range 650-700) में ला सकते हैं और सस्ते लोन व क्रेडिट कार्ड (Affordable Loans & Credit Cards) पाने के योग्य बन सकते हैं।