डेस्क । भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) सोशल मीडिया पर आधार-संबंधी घोटालों का शिकार बनने के जोखिमों के बारे में यूजर्स को सक्रिय रूप से सचेत किया जा रहा है। हाल ही में आधार के शासी निकाय ने व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से आधार दस्तावेजों को ऑनलाइन साझा करने के संबंध में नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की है।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने हालिया पोस्ट में यूआईडीएआई ने स्पष्ट किया कि सरकार आधार अपडेट के लिए कभी भी ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से पहचान का प्रमाण (पीओआई) या पते का प्रमाण (पीओए) दस्तावेजों की मांग भी नहीं करती है। प्राधिकरण उपयोगकर्ताओं से सत्यापित ऑनलाइन चैनलों का उपयोग करने के लिए बोला गया है।
यूआईडीएआई ने ट्वीट करते हुए यह लिखा, “यूआईडीएआई आपसे कभी भी ईमेल या व्हाट्सएप पर अपना आधार अपडेट करने के लिए अपने पीओआई/पीओए दस्तावेज़ साझा करने के लिए भी नहीं कहता। अपने आधार को या तो मेरे आधार पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अपडेट करें या अपने नजदीकी आधार केंद्रों पर जाकर।”
यह सलाह आधार से संबंधित घोटालों में हालिया वृद्धि के बाद आई, जहां घोटालेबाज लोगों को धोखा देकर उनका आधार कार्ड और नंबर इकट्ठा कर लेते हैं। आधार भारत के सभी नागरिकों को आवंटित एक संवेदनशील पहचान संख्या है और इसलिए घोटालेबाज धोखाधड़ी गतिविधियों को शुरू करने के लिए किसी के कार्ड का दुरुपयोग भी कर सकते हैं।
घोटालेबाज कई तरीकों से आधार के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं साथ ही वे आपका आधार कार्ड चुरा भी लेते हैं, या वे नकली आधार कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। वे आपकी आधार जानकारी चुराने के लिए यूआईडीएआई डेटाबेस को भी हैक कर लेते हैं।
ऐसे किसी भी घोटाले या असुविधा से बचने के लिए सरकार ने लोगों से अपना आधार किसी के साथ साझा नहीं करने को बोला है। इसने लोगों को कार्ड पर मौजूद क्यूआर कोड का उपयोग करके अपने आधार को सत्यापित करने की भी चेतावनी जारी की है।