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Join NowPAN card fraud: स्कैमर्स और जालसाज लोगों को ठगने के लिए हर दिन नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। कभी बिना OTP के खाते खाली हो रहे हैं, तो कभी बातों में फंसाकर OTP लेकर लोगों को कंगाल बनाया जा रहा है। लेकिन, क्या हो जब आपको अचानक पता चले कि आपके नाम, आपके आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल करके किसी ने करोड़ों का लेनदेन कर लिया है और आपको इसकी भनक तक नहीं लगी?
यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि एक हकीकत है। एक ऐसा ही चौंकाने वाला और आंखें खोल देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स के आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल करके किसी ने न सिर्फ GST नंबर ले लिया, बल्कि उस नंबर से करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन भी कर डाला। इस महाघोटाले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित शख्स अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर रहा था।
क्या है पूरा मामला जिसने सबको हैरान कर दिया?
दिल्ली के रहने वाले आलोक शुक्ला ने इस खौफनाक अनुभव की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर साझा की है। उन्होंने बताया कि जब उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) उनका इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे थे, तब उनके सामने एक ऐसी जानकारी आई जिसने उनके पैरों तले जमीन खिसका दी। पता चला कि ‘AXAT इंडस्ट्रीज’ नाम की एक कंपनी ने उनके पैन कार्ड पर GST नंबर लिया हुआ था और इस अकाउंट के जरिए ₹42 करोड़ से भी ज्यादा का भारी-भरकम ट्रांजेक्शन हुआ है।
इस पूरी प्रक्रिया में न सिर्फ पैन कार्ड, बल्कि आधार कार्ड का भी इस्तेमाल हुआ था। हैरानी की बात यह है कि पीड़ित को इस पूरे गोरखधंधे की जानकारी तब तक नहीं हुई, जब तक उन्होंने ITR फाइल करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की। यह अभी तक साफ नहीं है कि स्कैमर्स ने इतने बड़े फ्रॉड को इतने सफाई से कैसे अंजाम दिया।
पीड़ित ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि इस विशाल ट्रांजेक्शन के बाद GST नंबर को सरेंडर भी कर दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, न तो उन्हें कोई ईमेल आया, न ही उन्हें किसी SMS के जरिए कोई जानकारी मिली। मामले की जानकारी होते ही पीड़ित ने तुरंत दिल्ली के मंडावली पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज करा दी है।
कैसे होता है यह खतरनाक फ्रॉड?
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और साइबरपीस के संस्थापक, विनीत कुमार ने बताया कि ऐसे फ्रॉड अक्सर डिजिटल आईडी वेरिफिकेशन और आपस में जुड़े सरकारी सिस्टम में मौजूद कमजोरियों और खामियों का फायदा उठाकर किए जाते हैं।
- डेटा ब्रीच और फिशिंग: कई मामलों में, अपराधी आपका पैन और आधार कार्ड डेटा ब्रीच, फिशिंग स्कैम या किसी थर्ड-पार्टी वेबसाइट के डेटाबेस लीक से हासिल कर लेते हैं।
- जेनरेटिव AI का दुरुपयोग: आजकल जेनरेटिव AI टूल्स का इस्तेमाल करके असली जैसे दिखने वाले फेक पैन और आधार कार्ड बनाना बेहद आसान हो गया है। ये नकली डॉक्यूमेंट्स बेसिक जांच में आसानी से पास हो जाते हैं।
- SIM स्वैप: कुछ मामलों में, अपराधी आपके मोबाइल नंबर का डुप्लीकेट सिम (SIM स्वैप) हासिल कर लेते हैं, जिससे OTP वेरिफिकेशन उनके पास पहुंच जाता है और वे आपके नाम पर कोई भी फ्रॉड कर सकते हैं।
आप कैसे बच सकते हैं इस ‘घोस्ट कंपनी’ फ्रॉड से?
इस तरह के स्कैम का शिकार कोई भी हो सकता है। इसलिए, आपको कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए:
- क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: समय-समय पर CIBIL या अन्य क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें। इससे आपको पता चल जाएगा कि आपके नाम पर कोई अनचाहा लोन या क्रेडिट कार्ड तो नहीं लिया गया है।
- GST पोर्टल पर जांचें: आप GST पोर्टल पर जाकर भी यह जांच सकते हैं कि आपके पैन नंबर पर कोई GST रजिस्ट्रेशन तो नहीं हुआ है।
- आधार बायोमेट्रिक लॉक करें: अपने आधार को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है UIDAI पोर्टल या mAadhaar ऐप पर जाकर अपने बायोमेट्रिक्स (फिंगरप्रिंट और आईरिस) को लॉक कर दें। जब जरूरत हो, तभी इसे अनलॉक करें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन करें: अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स, खासकर ईमेल और बैंकिंग ऐप्स पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन हमेशा ऑन रखें।
- सतर्क रहें: KYC अपडेट, लॉटरी या डिस्काउंट के नाम पर आने वाले किसी भी अनजान लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें और न ही अपनी कोई व्यक्तिगत जानकारी साझा करें।
- तुरंत शिकायत करें: अगर आपको किसी भी तरह के फ्रॉड का पता चलता है, तो बिना देरी किए इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर जरूर करें।
आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपको एक बड़े वित्तीय संकट में डाल सकती है। इसलिए, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।