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हरियाणा सरकार पर क्यों लगा राम रहीम के आगे नत्मस्तक होने का आरोप

 

डेस्क। पंजाब सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता फौजा सिंह रेप केस में दोषी पाएं गए हैं और पैरोल के बाहर राम रहीम के दरबार में भी पहुंचे थे। पंजाब के फिरोजपुर स्थित राम रहीम के दरबार में फौजा सिंह पहुंचे थे वहीं डेरा के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत भी किया था।

साथ ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पैरोल को रद्द करने की मांग भी की गई है। इस संबंध में एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने हरियाणा सरकार को नोटिस भी भेजा था। हरियाणा के मुख्य सचिव को भेजे गए कानूनी नोटिस में यह भी कहा गया है कि पैरोल की अवधि के दौरान राम रहीम सत्संग कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि सरकार उसके सामने नतमस्तक हो गई है और उसके साथ ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे वह कानून से बड़ा हो।

अधिवक्ता एचसी अरोड़ा द्वारा शनिवार को भेजे गए एक नोटिस के अनुसार डेरा प्रमुख राम रहीम ने अपने यूपी स्थित आश्रम में रहते हुए ऑनलाइन सत्संग भी किया है। इस प्रकार राम रहीम के गुमराह अनुयायियों के संपर्क में रहने की सुविधा भी है, जो मानते हैं कि उसने बलात्कार और हत्या के आरोप एक नाटक है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि सरकार उसे समाज के अपराधीकरण को बढ़ावा देने की अनुमति दे रही है क्योंकि वह इस तरह के अपराधीकरण को ग्लैमराइज भी कर रहा है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि यूपी में एक आश्रम में रहने के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम ने अपने नए गीत “सादी नित दिवाली” का एक वीडियो भी जारी किया और यूट्यूब को इसे हटाने के लिए नहीं कह कर राज्य सरकार ने परोक्ष रूप से राम रहीम की मदद ही तो की है।

आपको बता दें कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कर राम रहीम की पैरोल को रद्द करने की मांग की है।

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