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पुलिस आपको करे गिरफ्तार तो क्या करें, क्या कहता है कानून 

 

डेस्क। देश में अपराध करने पर पुलिस गिरफ्तार करने के लिए आती है और कई बार बेगुनाह को भी उठा ले जाती है। वहीं ऐसा पुलिस इसलिए कर लेती है क्योंकि सामने वाले इंसान को अपने कानूनी अधिकार के बारे में पता नहीं होता।

उसे यह पता नहीं होता कि पुलिस से कैसे निपटें। तो चलिए आज हम आपलोगों को आपके 10 कानूनी अधिकार के बारे में बताने भी जा रहे हैं जिससे अगर पुलिस बेवजह आपको गिरफ्तार करने आती है तो इस अधिकार का आप इस्तेमाल भी कर सकेंगे।

गिरफ्तारी के दौरान या बाद में काम आएंगे ये 10 अधिकार

1.मान लीजिए कि आप किसी मामले में फंस गए हो और पुलिस आपके घर पहुंची है गिरफ्तार करने के लिए तो आप उससे सबसे पहले पहचान पत्र भी मांग सकते हैं।

2. पुलिस को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से अरेस्ट मेमो (arrest memo) पर हर हाल में हस्ताक्षर या अंगूठा भी लेना होगा। CRPC की धारा 41 (B) के अनुसार पुलिस को यह अरेस्ट मेमो तैयार करना पड़ेगा। वहीं इसमें पुलिस अधिकारी की रैंक का उल्लेख होने के साथ ही गिरफ्तार करने का समय एवं पुलिस अफसर के अतिरिक्त प्रत्यक्षदर्शी के हस्ताक्षर भी होते हैं। 

3.आप पुलिस अधिकारी से पूछें की किस आधार पर उसकी गिरफ्तारी हो रही है नहीं तो कई बार पुलिस केस को मजबूत बनाने के लिए अनावश्यक धाराएं भी जोड़ देती है।

4.आप पुलिस से उन धाराओं के बारे में पूछें जिसके तहत आपके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

5.गिरफ्तारी के दौरान अपने दोस्त या रिश्तेदार को कॉल लगा सकते हैं और इतना ही नहीं आप अपने वकील को भी कॉल कर सकते हैं।

6.पुलिस आपको सिर्फ 24 घंटे तक अपने हिरासत में रख सकती है। इससे आगे के समय के लिए उसको सीआरपीसी की धारा 56 के तहत मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी और मजिस्ट्रेट इस संबंध में इजाजत देने का कारण भी आपको बताएगा।

7.पुलिस की गिरफ्तारी के 48 घंटे के भीतर मेडिकल जांच करानी होती है और ऐसा इसलिए क्योंकि अगर पुलिस कस्टडी में आपके साथ मारपीट की जाती है तो आपके पास पक्का सबूत भी हो सकता है।

8.अगर गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के पास कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए वकील हायर करने के पैसे नहीं है तो उनको मुफ्त में कानूनी मदद भी दी जाएगी यानी उसको फ्री में वकील मुहैया करवाया जाएगा।

9.साधारण अपराधों के मामले में गिरफ्तार किए जाने वाले व्यक्ति को गिरफ्तारी वारंट देखने का अधिकार होता है। हालांकि गंभीर अपराध के मामले में पुलिस बिना वारंट दिखाए भी आपको गिरफ्तार कर सकती है।

10. पुलिस जांच के दौरान आप कभी भी अपने वकील से मिल सकते हैं।

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