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क्या होता है सेंगोल, नई संसद में किया जाएगा स्थापित 

 

 

डेस्क। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घटना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है। आपको बता दें इस दौरान उन्होंने Sengol का जिक्र करते हुए कहा है कि भारत के इतिहास में सेंगोल का बहुत अधिक महत्व है। गृहमंत्री ने कहा कि इस पवित्र Sengol को किसी संग्रहालय में रखना भी अनुचित होगा।

अमित शाह ने बताया, “सेंगोल की स्थापना के लिए संसद भवन से उपयुक्त और पवित्र स्थान कोई और हो ही नहीं सकता इसलिए जिस दिन नए संसद भवन को देश को समर्पित किया जाएगा उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु से आए हुए अधीनम से सेंगोल (Sengol) को स्वीकार करेंगे और लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसको स्थापित भी किया जाएगा।”

गृहमंत्री शाह ने आगे ये भी कहा कि भारत के इतिहास में सेंगोल का बहुत अधिक महत्व होता है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात लगभग 10:45 बजे तमिलनाडु के अधिनाम के माध्यम से सेंगोल को स्वीकार किया था। यह अंग्रेजों से हमारे देश के लोगों के लिए सत्ता के हस्तांतरण का संकेत था और सेंगोल (राजदंड) स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रतीक भी है क्योंकि यह अंग्रेजों से भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है।

अमित शाह ने बताया कि यह सेंगोल वही है जो स्वतंत्रता के समय पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्राप्त हुआ था और उन्होंने कहा कि, “इसे इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा गया था और अब नए संसद भवन में ले जाया जाएगा।”

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