डेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेमी युगल को लेकर अहम फैसला सुनाया हैं। वहीं यह भीं कहा गया हैं कि दो बालिग लोगों की जिंदगी में तीसरे व्यक्ति को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
वहीं इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भीं टिप्पणी की हैं कि कोर्ट ने याचिकाकर्ता युवक और उसकी प्रेमिका को साथ रहने का आदेश दिया है।
आगे हाई कोर्ट ने कहा कि दो बालिगों के निजी जीवन में किसी को भी दखल देने का अधिकार नहीं है। वहीं बता दें कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने संदीप कुमार व अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर यह आदेश दिया है।
बागपत के निवासी संदीप कुमार ने ससुरालियों पर पत्नी को बंदी बनाए जाने का आरोप भीं लगाया था। वहीं पत्नी के परिजनों ने युवक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था। साथ ही आरोप था कि युवक ने उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया और कोर्ट ने मामले में बयान के लिए युवती को तलब किया था।
कोर्ट में पेश युवती ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है। वहीं युवती के बयान के बाद कोर्ट ने याची को उसके रहने की इजाजत भी दे दी। इसके अलावा दोनों के जीवन में परिवार के सदस्यों को किसी भी तरह के हस्तक्षेप पर रोक भी लगाई है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि युवक और युवती दोनों आपस में बहुत प्यार करते हैं।
बता दें परिजन शादी कर चुके युवक युवती को साथ नहीं रहने दे रहे हैं जिस कारण से हाई कोर्ट में याचिका भी डाली गई थी। वहीं याचिकाकर्ता युवक का कहना था कि लड़की और वह दोनों बालिग है और वे दोनों एक साथ में रहना चाहते हैं लेकिन परिजन ऐसा नहीं होने दे रहे।