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हिंदू धर्म में है स्वस्तिक का बेहद ही अहम महत्त्व, पर ये गलती बन सकती है मौत का कारण

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हिंदू धर्म में है स्वस्तिक का बेहद ही अहम महत्त्व, पर ये गलती बन सकती है मौत का कारण

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डेस्क। स्वस्तिक ऐसा चिन्ह है जिसे सनातन धर्म में काफी पवित्र बताया जाता है। सभी शुभ काम में इसको बनाया जाता है पर क्या आप जानते है इसको क्यों बनाया जाता है। घर के प्रवेश द्वारा पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाने के पीछे की वजह क्या है ??

हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार लोगो को अपने निवास स्थल पर काफी चीजों की देख रेख जरुरी है और हिन्दू धर्म के अनुसार घर के प्रवेश द्वारा या पूजा स्थल सहित बाकि जगहों पर स्वास्तिक का चिह्न बनाना बेहद ही शुभ और मांगलिक मानते है। लेकिन इस चिन्ह को बनाने में थोड़ी सी चूक काफी नुकसान पंहुचा सकती है। 

ज्योतिष के अनुसार किसी भी शुभ काम को करने से पहले हमारे हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है और स्वास्तिक का चिन्ह शक्ति समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह स्वास्तिक आज से नहीं बल्कि सिंधु घाटी सभ्यता के लगभग 3000 इसा वर्ष पूर्व में मिला था।

इन बातो का रखे खास ख्याल 

ज्योतिष के अनुसार आप चंदन या कुमकुम से स्वास्तिक बना सकते है।उन्होंने ये भी कहा इसे बनाने से पहले आपको सावधनी जरूर रखनी होगी नहीं तो मृत्यु का कारण भी हो सकता है।याद रखे की स्वास्तिक जब भी बनेगा क्लॉकवाइज बनेगा।अगर बनाने के समय थोड़ा भी गलत हो जाएगा तो यह स्वास्तिक मृत्यु का प्रतीक हो जाता है।ऐसे में इसे क्लॉकवाइज ही बनाना चाहिए।

माता लक्ष्मी को खुश करने में इस स्वास्तिक के चिह्न बेहद अहम योगदान है।इसलिए पूजा पाठ के मोके पर अपने घरो पर स्वास्तिक का चिह्न भी बनाया जाता है।इसका मतलब कल्याण और मंगल का प्रतीक है।इसे आप मुख्य द्वार ही नहीं कही भी बना सकते है। वहीं चाहे वह आपकी पूजा की थाली हो या आपके घर के प्रवेश द्वारा हो या बाकि अन्य कही पूजा स्थल हो भी इसे बना सकते है।