राज्य

सुप्रीम कोर्ट: लव मैरिज में हो रहे ज्यादातर तलाक

 

डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि ज्यादातर तलाक की नौबत लव मैरिज वाले मामलों में ही आ रही है। जस्टिस बीआर गवई और संजय करोल की पीठ ने एक वैवाहिक विवाद को लेकर ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बड़ी टिप्पणी की है। यह उस समय की है जब वकील ने अदालत को बताया कि यह एक प्रेम विवाह था।

बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट की माने तो न्यायमूर्ति गवई ने इस पर बोला, ‘ज्यादातर तलाक लव मैरिज में ही हो रहे हैं।’ कोर्ट ने मध्यस्थता का भी प्रस्ताव दिया है, जिसका पति ने विरोध किया और कोर्ट ने कहा कि हाल के एक फैसले के मद्देनजर वह उसकी सहमति के बिना तलाक भी दे सकती है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने की शुरुआत में कहा था कि जीवनसाथियों के बीच आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर तलाक की मंजूरी देना के ‘अधिकार’ का नहीं, बल्कि विशेषाधिकार का मामला है। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि इसका विभिन्न तथ्यों को ध्यान में रखकर काफी सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे दोनों पक्षों के साथ ‘पूर्ण न्याय’ हो सके।

जस्टिस एस के कौल की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने बोला है कि यह स्पष्ट है कि ऐसे मामलों में शीर्ष अदालत को पूरी तरह से आश्वस्त और संतुष्ट भी होना चाहिए कि विवाह ”पूरी तरह से अव्यावहारिक, भावनात्मक रूप से मृत और बचाने लायक नहीं” है, इसलिए विवाह को समाप्त करना ही सही समाधान है और आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता भी है।

Related Posts

1 of 786