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स्कूल ने लगाया टेक दिग्गजों पर मुकदमा, निशाने पर गूगल टिकटॉक मेटा और स्नैपचैट

 

 

डेस्क। अमेरिका के मेरीलैंड राज्य में एक स्कूल ने विश्व की दिग्गज टेक कंपनियों पर मुकदमा दर्ज करवाया है। स्कूल ने गूगल, टिकटॉक, मेटा और स्नैपचैट पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए है।

कोर्ट में दायर अपील में बोला गया है कि इस समय बच्चे एक अभूतपूर्व मानसिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहे हैं जिसे खतरनाक और लत की तरह आदतों वाले सोशल मीडिया प्रॉडक्ट्स द्वारा बढ़ावा भी दिया जा रहा है।

आपको ये भी बता दें कि यह पहली बार नहीं है वरन पहले भी वाशिंगटन, फ्लोरिडा, कैलिफोर्निया, पेंसिल्वेनिया, न्यू जर्सी, अलबामा, टेनेसी और अन्य में स्कूल सिस्टम ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों पर इसी तरह के मुकदमे भी दायर किए हैं जिन पर अभी कार्यवाही हो रही है।

दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया गया है, सोशल मीडिया के प्रयोग से बच्चे मानसिक रूप से काफी बीमार हो रहे हैं। यह प्रतिवादियों द्वारा अध्ययन किए गए प्रयासों का परिणाम है जो युवाओं को अनिवार्य रूप से अपने उत्पादों – इंस्टाग्राम, फेसबुक, टिकटॉक, स्नैपचैट और यूट्यूब का उपयोग करने के लिए प्रेरित भी करते हैं। उल्लेखनीय है कि अमरीकियों में पिछले एक दशक में सोशल मीडिया यूज करने की हैबिट में जबरदस्त ग्रोथ देखी गई है।

मुकदमे में अपीलकर्ता ने ये भी कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डिजाईन करने वाली बड़ी टेक कंपनियों ने न केवल अपने यूजर्स की कुल संख्या बढ़ाने पर मेहनत कर रही है वरन वे अपने प्लेटफॉर्म को डिजाइन और ऑपरेट इस तरह कर रहे हैं कि यूजर्स उन पर ज्यादा से ज्यादा समय बिता सकें। 

इसके साथ ही वे अपने यूजर्स के मनोविज्ञान और न्यूरोफिजियोलॉजी को समझ कर उसका भी उपयोग कर रही हैं। कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले यूजर्स की एक्टिविटीज और उनके द्वारा बिताए जाने वाले कुल समय को भी रिकॉर्ड कर लेती हैं।

स्कूल ने मुकदमे में टिकटॉक के फॉर यू पेज, फेसबुक और इंस्टाग्राम के रिकमेंडेशन एल्गोरिदम और ऐसे फीचर्स का भी जिक्र किया है जो बार-बार और अत्यधिक उत्पाद उपयोग का हानिकारक लूप बनाने के लिए डिजाइन करे गए हैं। इसमें ये भी कहा गया है, ये तकनीकें विशेष रूप से प्रभावी और युवा उपयोगकर्ताओं के लिए हानिकारक भी हैं।

 प्रतिवादियों ने जानबूझकर अमेरिका के युवाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य संकट पैदा करने के लिए ये तकनीकें इजाद करी हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपील में बोला गया है कि किशोर और बच्चों को अपने बिजनेस मॉडल के केन्द्र में रखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डवलप भी किए जा रहे हैं। वहीं उनकी आयु वर्ग के यूजर्स इंटरनेट से अत्यधिक जुड़े हुए हैं, उनके सोशल मीडिया अकाउंट होने की अधिक संभावना भी है और सोशल मीडिया के उपयोग के लिए अपने खाली समय को समर्पित करने की अधिक संभावना भी है।

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