राज्य

नवाजुद्दीन सिद्दीकी बोले गांव में नहीं होता डिप्रेशन 

 

 

 

डेस्क। एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने ‘रमन राघव 2.0’ में दिमागी तौर पर बीमार सीरियल किलर का किरदार निभाया है और एक्टर ने हाल ही में ये भी कहा है कि गांव के इलाकों में डिप्रेशन की बीमारी भी नहीं होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ जैसा कुछ होता ही नहीं है और एक्टर ने कहा है इस तरह के मुद्दे एक शहरी अवधारणा है, और उन्होंने ये भी कहा कि वह दावा करते हैं कि अपने गांव में कहेंगे कि वह डिप्रेशन में हैं तो उन्हें पीट दिया जाएगा।

एनडीटीवी को दिए अपने एक हालिया इंटरव्यू में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा,”मैं बस अपना अनुभव साझा कर रहा हूं, हो सकता है मैं गलत हूं। लेकिन आज भी अगर मैं अपने गांव जाता हूं, जो 3 घंटे की दूरी पर ही है और कहता हूं कि मुझे डिप्रेशन है, मेरे थप्पड़ पड़ जाएंगे और वो लोग मुझे कहेंगे कि खाना खाओ और खेतों में जाओ।”

इसपर एक्टर से सवाल भी किया गया है कि क्यां गांव में लोग मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूक नहीं हैं? इसपर एक्टर ने बोला है,”वहां ऐसा कुछ होता ही नहीं। किसी को इस बारे में पता ही नहीं है वहीं गांव में किसी को डिप्रेशन नहीं होता आप जाकर देख भी सकते हैं।”

नवाज ने आगे ये भी कहा,”आप देखेंगे कि लोगों को अपनी छोटी-छोटी परेशानियों को भी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की आदत होती है वहीं वे यह क्यों नहीं देखते कि वास्तविक समस्याओं वाले लोग अपना जीवन कैसे जीते हैं। देखो ये बारिश में पगडंडियों पर कैसे चलते हैं और उन लोगों को डिप्रेशन क्यों नहीं होता?”

नवाज के बयान पर इस एक्टर ने दी प्रतिक्रिया 

नवाज के इस बयान पर गुलशन देवैया ने ट्विटर कर लिखा है,”धृतराष्ट्र और गांधारी सिंड्रोम। मैं उनकी कला के लिए बहुत ही सम्मान करता हूं लेकिन मैं उन्हें इस मुद्दे पर गंभीरता से नहीं लूंगा और आप शराब या एडिक्शन को भी देखें, तो वे ग्रामीण समुदायों में मौजूद हैं साथ ही यह मानसिक बीमारी है। कोई भी एडिक्शन में लिप्त नहीं होता क्योंकि वे इसे प्यार करते हैं वहीं एडिक्शन एक लक्षण है, वास्तविक समस्या वह आघात है जिसे वे ठीक नहीं कर सकते हैं।”

Related Posts

1 of 786