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शाइस्ता परवीन, गुड्डू और साबिर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी

 

डेस्क। उमेश पाल हत्याकांड को करीब तीन महीने होने वाले हैं पर माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen), गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) और साबिर (Sabir) का यूपी एसटीएफ को कोई सुराग नहीं पाया है। इन तीनों के विदेश भागने की भी आशंका लगाई जा रही है जिसको

 देखते हुए इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है।

  एसटीएफ को आशंका है कि तीनों विदेश भाग सकते हैं और तीनों की तलाश में लगातार छापेमारी भी करी जा रही है पर अभी तक यह गिरफ्त से दूर हैं। वहीं यूपी पुलिस शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपये का इनाम पहले ही घोषित भी कर चुकी है।

जानकारी के अनुसार प्रयागराज पुलिस ने प्रदेश सरकार को इसकी रिपोर्ट भी भेजी थी। इसके बाद तीनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। यह नोटिस एक साल के लिए प्रभावी रहेगा और अगर तीनों में कोई भी आरोपी देश छोड़कर जाने की कोशिश करेगा तो जांच एजेंसियां इसकी जानकारी प्रयागराज पुलिस को देंगी। 

आपको ये भी बता दें कि 19 अप्रैल को शाइस्ता की तलाश में उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में छापेमारी की गई थी। पर शाइस्ता पुलिस को चकमा देने में कामयाब रही।

इससे पहले 25 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक के साले अखलाक अहमद को कथित तौर पर अनैतिक गतिविधियों में शामिल स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर को निलंबित कर दिया था और डॉक्टर अख़लाक़ अहमद फ़िलहाल प्रयागराज की नैनी जेल में बंद है। वह मेरठ के भावनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हुआ करते थे।

 उस पर प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद फरार शूटरों को विस्फोटक मुहैया कराने और गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का भीं गंभीर आरोप है। 

जानिए क्या होता है लुकआउट नोटिस?

लुकआउट नोटिस को लुकआउट सर्कुलर भी बोला जाता है। ये एक सर्कुलर होता है जिसे एजेंसी के अधिकारियों द्वारा ये सुनिश्चित करने के लिए जारी किया जाता है कि आपराधिक मामले में नामित शख्स देश छोड़कर कहीं भाग ना पाए। यह ऐसे मामलों में जारी किया जाता है जब आरोपी के विदेश भागने की आशंका बन रही हो। 

किसी प्रदेश के डिप्टी सेक्रेटरी, जॉइंट सेक्रेटरी या उससे ऊपर वाली रैंक के अधिकारियों को नोटिस जारी करने का अधिकार भी है। साथ ही जिला मजिस्ट्रेट, एसपी, इंटरपोल ऑफिसर पर भी ये अधिकार होता है।

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