राज्य

जानिए किसी भी धर्म के अपमान पर भारत में क्या है सजा का प्रावधान 

 

 

डेस्क। MK Stalin’s Son Sanatana Dharma Remark: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (CM MK Stalin) के बेटे के बयान ने देश में बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है वहीं कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ सनातन धर्म मानने वाले लोग स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के बयान का विरोध भीं कर रहे हैं।

उदयनिधि ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी और उन्होंने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। जैसे हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते हमें इसे खत्म करना होगा। सनातन नाम संस्कृत का है और ये सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।

क्या कोई किसी धर्म का अपमान कर सकता है? क्या कोई किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है? इसको लेकर हमारे देश में क्या कानून कायदे हैं और इस सेंगमेंट में सबकुछ जानेंगे…

सेक्सन 295A में आखिर क्या कहा गया है?

IPC के सेक्शन 295 से लेकर 298 तक धर्म से संबंधित अपराध का जिक्र है और IPC के सेक्शन IPC के सेक्शन 295A के तहत किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना अपराध है। तीन साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माने का भी प्रावधान है। 295 A के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है वहीं पुलिस के पास एक व्यक्ति को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार भी है।

सेक्शन 295A में यह कहा गया है कि “वो कृत्य अपराध माने जाएंगे जहां कोई भारत के नागरिकों के किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करता हो या विद्वेषपूर्ण आशय (malicious intention) से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान ही करता है या ऐसा करने का प्रयत्न मात्र करता है।”

इसके अलावा IPC के सेक्शन 153A के तहत किसी के धर्म पर हमला करना अपराध होता है।

धर्म को लेकर भारतीय संविधान आखिर क्या कहता है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से लेकर 29 तक धार्मिक स्वतंत्रता का जिक्र मिलता है। भारतीय संविधान किसी को लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं देता है।

Related Posts

1 of 786