राज्य

चंद्रयान की तरह होंगे भारत अमेरिका के सम्बंध: विदेश में बोले जयशंकर

21
×

चंद्रयान की तरह होंगे भारत अमेरिका के सम्बंध: विदेश में बोले जयशंकर

Share this article
Actor Navdeep, Co Founder C Space Along With Rakesh Rudravanka - CEO - C Space

 

 

डेस्क। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका के दौर पर हैं। इस दौरान वह भारतीय दूतावास के कार्यक्रम ‘सेलिब्रेटिंग कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप’ में भी शामिल हए। अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से ‘इंडिया हाउस’ में जमा हुए सैकड़ों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने यह कहा है कि भारत-अमेरिका के रिश्ते अब तक के इतिहास में सबसे ज़्यादा ऊंचाइयों पर जाने वाले अंतराष्ट्रीय सम्बंध हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इन रिश्तों को एक अलग स्तर तक लेकर जाने वाली है, ये द्विपक्षीय संबंध चंद्रयान की तरह चांद पर और उससे भी परे जाएगा।”

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बोला है कि G20 की कामयाबी अमेरिका के सहयोग के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जब चीजें अच्छी होती हैं, तो हमेशा मेजबान को इसका श्रेय दिया जाता है। यह उचित भी है लेकिन G20 के सभी सदस्य देश इस आयोजन की सफलता के लिए काम नहीं करते, तो यह कभी संभव नहीं था।’’

विदेश मंत्री ने भारतीय-अमेरिकियों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बोला कि, ‘‘मैं आज इस देश में हूं, खासकर इसलिए मुझे यह कहना चाहिए कि G20 को सफल बनाने के लिए जो योगदान, जो सहयोग और समझ हमें अमेरिका से मिली है मैं उसकी वाशिंगटन डीसी में सार्वजनिक तौर पर सराहना करना चाहूंगा।’’ उन्होंने ये भी बोला, ‘‘कहने को सिर्फ यह हमारी सफलता हो सकती है पा मुझे ऐसा लगता है कि यह G20 राष्ट्रों की सफलता थी।”

Gandhi Ji’s Inspirational Quotes: Messages of Peace, Non-Violence, and Justice

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बोला है कि, “मैं आपसे यह वादा कर सकता हूं कि ये संबंध चंद्रयान की तरह चंद्रमा तक, शायद उससे भी आगे तक जाने वाले हैं। दोनों देशों के बीच मानवीय संबंध इस द्विपक्षीय संबंध को और भी अनूठा बनाते हैं।” 

उन्होंने आगे कहा, ‘‘देश एक-दूसरे के साथ व्यापार करते हैं। देश एक-दूसरे के साथ राजनीति भी करते हैं। उनके बीच सैन्य संबंध होते हैं, वे अभ्यास करते हैं और उनके बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है, पर जब दो देशों के बीच गहरे मानवीय संबंध हों, तो यह पूरी तरह से अलग स्थिति बन जाती है।’