डेस्क। Himachal Pradesh Rain: हिमाचल प्रदेश के ऊपर आसमान से जो आफत बरस रही है वो एकदम वैसी ही है, जैसी 10 साल पहले 15-17 जून 2013 को केदारनाथ हादसे के समय पर थी। हिमाचल प्रदेश के ऊपर तूफानी संगम हो रहा है और ये जानलेवा और खतरनाक भी मालूम होता है।
इसमें पश्चिमी विक्षोभ, अरब सागर से उठकर राजस्थान से चलकर आती गर्म हवाएं और मॉनसूनी हवाएं भी मिल रही हैं। इनका घातक मिलन हो रहा है हिमाचल प्रदेश के ऊपर, जैसा केदारनाथ घाटी में एक दशक पहले देखने को मिला था।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार मॉनसूनी हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ का मिलन ही दो दिन से हो रही बारिश और बाढ़ की वजह भी बने है। ऐसी स्थिति में भयानक बारिश होती है और जानलेवा एवं नुकसानदेह बाढ़ और फ्लैश फ्लड भी आते हैं। पहाड़ दरकते और भूस्खलन होता है। नदियां सुनामी जैसी भयावह लहरों के साथ तेज गति से बहने लगती हैं।
हैरानी इस बात की है इस बार पश्चिमी विक्षोभ के साथ उत्तरी अरब सागर से उठकर चलने वाली हवाएं भी इसमें मिली हैं और ये राजस्थान से होकर पश्चिमी विक्षोभ से मिल गई हैं। ये हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपर जाकर रुक गई हैं। जिस प्रकार पिछली बार केदारनाथ घाटी में तबाही के बादल जाकर रुक गए थे ये आफत वाली स्थिति ही है।
जुलाई के पहले आठ दिनों में बारिश औसत से 10 फीसदी कम रही थी पर अब बारिश 243.2 मिलिमीटर हो चुकी है। जो सामान्य से 2 फीसदी ज्यादा भी है। पूरे देश में एक समान बारिश नहीं हो रही है वहीं अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तीव्रता के साथ बारिश हो रही हैं।