डेस्क। उत्तर प्रदेश में अब योगी सरकार बिना मान्यता प्राप्त मदरसों पर कार्रवाई करने में लगी है। सरकार द्वारा कराए गए दो महीने के सर्वेक्षण के बाद जानकारी सामने आई है कि प्रदेश में लगभग 8,500 मदरसे राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त किए बिना ही चल रहे हैं।
ऐसे में सरकार अब ऐसे फर्जी मदरसों पर कार्रवाई करने जा रही हैं मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद का यह कहना है कि सर्वे के पीछे कोई साजिश नहीं है वहीं मदरसा सर्वे को लेकर अधिकांश लोगों ने सहयोग किया है। बता दें योगी सरकार मदरसों का विश्वास जीतने में कामयाब रही है और इस सर्वे का उद्देश्य मदरसों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है।
इफ्तिखार अहमद जावेद के मुताबिक सर्वे का मकसद नए मदरसों की जानकारी प्राप्त करने का था। मदरसों में सुबह प्रार्थना में राष्ट्रगान अच्छे से हो रहा है या नहीं। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को और अधिक सुविधाएं देने के लिए सरकार ने यह सर्वे कराया है। सर्वेक्षण के अनुसार सबसे अधिक संख्या में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद जिले में ही चल रहे हैं।
2017 में हुई थी मदरसा शिक्षा बोर्ड की स्थापना
यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड की स्थापना 2017 में राज्य में मदरसों के कामकाज में अनियमिताओं की जांच के लिए करी गई वहीं राज्य की बीजेपी सरकार ने 30 अगस्त को जिलाधिकारियों को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का निर्देश भी दिया था। सर्वे 10 सितंबर को शुरू हुआ था और जिलाधिकारियों ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को भी सौंप दी है।
इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि, सबसे अधिक गैर मान्यता प्राप्त 550 मदरसे मुरादाबाद जिले में मिले फिर इसके बाद सिद्धार्थ नगर में 525 और बहराइच में 500 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाएं गए हैं। वहीं प्रदेश में मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त कुल 16,513 मदरसे बने हैं। इनमें बड़ी संख्या में मदरसे बगैर मान्यता के भी चलाए जा रहे हैं। वहीं इनके बारे में जानकारी करने के लिए सरकार ने मदरसा सर्वे भी कराया है। इसमें करीब आठ हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. ऐसे में प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या 24 हजार से ज्यादा हो गई है।