डेस्क। हमारे माध्यम से बताई गई हैकिंग, स्कैम, फ्रॉड, ब्लैकमेलिंग आदि की अलग-अलग खबरों से आप आसानी से समझ गए होंगे कि इस डिजिटल युग में सब कुछ संभव है। आप भले ही एक छोटे से गांव में रहते हों तो दुबई में बैठा शख्स भी आपकी बैंक डिटेल्स जान सकता है।
कहने का मतलब यह है कि इस डिजिटल युग में कहीं से भी कुछ भी किया जा सकता है। आज हम आपको आपकी प्राइवेसी को और बेहतर बनाने के लिए एक अहम सेटिंग के बारे में भी बता रहे हैं। हममें से ज्यादातर लोग इस सेटिंग को ऑन रखते हैं और इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं देते हैं।
हम जिस सेटिंग की बात कर रहे हैं वह है- माइक्रोफोन एक्सेस। जो आजकल हर ऐप हमारे माइक्रोफोन का एक्सेस मांगता है तो ख़तरा तब अधिक होता है जब आप फ़ोन में थर्ड पार्टी ऐप्स भी रखते हैं क्योंकि उन्हें इस बात पर भरोसा नहीं होता कि वे कैसे काम कर रहे होते हैं। कहने का मतलब ये है कि वो छुपकर आपकी आवाज या बातचीत सुन सकते हैं और आपका डेटा भी लीक हो सकता है।
कई बार आपने भी देखा होगा कि आप किसी प्रोडक्ट के बारे में बात कर रहे होते हैं और मोबाइल पर उसके विज्ञापन आने लग जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम वॉयस असिस्टेंट को एक्टिव रखते हैं और उसे माइक्रोफोन तक पहुंच भी मिल जाती है।
जानिए ऐसे रखें खुद को सुरक्षित
आपकी बातचीत कोई और नहीं सुन सकता, इसलिए सभी ऐप्स समाप्त होने के बाद माइक्रोफ़ोन एक्सेस हटा भी दें। किसी भी ऐप को अनावश्यक रूप से कोई अनुमति न दें क्योंकि इससे डेटा लीक भी हो सकता है। आप सभी को हमारी सलाह है कि इस डिजिटल युग में हर विकल्प को जानने/समझने के बाद ही चुनें और बिना पढ़े कुछ चुनें। फोन में सिर्फ भरोसेमंद ऐप्स ही रखें और जितना हो सके थर्ड पार्टी वेबसाइट्स और ऐप्स से दूर भी रहें। इसके साथ ही अपना नंबर, मेल आईडी और बैंकिंग डिटेल्स किसी भी प्लेटफॉर्म पर शेयर बिल्कुल न करें।